
रायपुर। छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) (Bharatiya Janata Party -BJP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर (Ajay Chandrakar) ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) पर की गई टिप्पणी के लिए आलोचना की। उन्होंने बनर्जी की तुलना रामायण में वर्णित राक्षसी ‘ताड़का’ और ‘सुरसा’ से करते हुए कहा कि उनका राजनीतिक अंत निश्चित है। चंद्राकर ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि बनर्जी को भाजपा या उसके नेतृत्व के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
जब उनसे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की ओर से शाह पर की गई टिप्पणी के बारे में पूछा गया, तब उन्होंने कहा, ‘वह बंगाल के लिए ताड़का और सुरसा हैं। किसी देश के गृह मंत्री पर टिप्पणी करने से पहले सोचना चाहिए। बंगाल को उन्होंने (ममता ने) क्या दिया-यह सोचना चाहिए। माननीय गृह मंत्री ने कहा है कि घुसपैठिये इस देश का प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तय नहीं कर सकते। ममता जी धमकी नहीं दे सकतीं। वह जमाना लद गया। वह कांग्रेस को धमकी दे सकती हैं कि ‘इंडिया’ गठबंधन का नेतृत्व मैं करुंगी। भाजपा या भाजपा नेतृत्व को किसी तरह के अपशब्द कहने का उनको कोई अधिकार नहीं है। वह खुद ‘ताड़का’ और ‘सुरसा’ जैसी हैं, जिसका (राजनीतिक) वध निश्चित है।’
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव 2026 में होने वाले हैं। गुरुवार को पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के कृष्णानगर में एक रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने आरोप लगाया था कि शाह मतदाता सूचियों से ‘डेढ़ करोड़ नाम’ हटाने की कोशिशों को सीधे तौर पर निर्देशित कर रहे हैं। ममता ने चेतावनी दी कि अगर मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान एक भी पात्र मतदाता का नाम हटाया गया, तो वह अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जाएंगी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा था, ‘देश का गृहमंत्री खतरनाक है। उनकी आंखों में यह साफ दिखता है। एक आंख में ‘दुर्योधन’ दिखता है, और दूसरी में ‘दु:शासन’।’ बनर्जी ने आरोप लगाया कि 2026 के विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले एसआईआर का इस्तेमाल राजनीतिक हथियार के रूप में किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘वे वोटों के लिए इतने भूखे हैं कि उन्होंने अब एसआईआर शुरू कर दिया है। अगर किसी पात्र व्यक्ति का नाम कट गया, तो मैं तब तक धरना दूंगी, जब तक नाम जुड़ नहीं जाता। पश्चिम बंगाल में कोई निरुद्ध केंद्र नहीं बनेगा।’
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