
नई दिल्ली: बिहार (Bihar) में नई सरकार के गठन के बाद एनडीए के सहयोगी उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) से अचानक कई नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है. सबसे बड़ा नाम पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र नाथ का है, जिन्होंने अचानक पार्टी छोड़कर सभी को चौंका दिया. उनके साथ ही कई प्रभारी प्रदेश अध्यक्षों ने भी त्यागपत्र सौंप दिया है.
जानकारी के अनुसार मदन चौधरी, प्रमोद यादव और राजेश रंजन सहित कई महत्वपूर्ण पदाधिकारियों ने अपना इस्तीफा सीधे उपेंद्र कुशवाहा को भेज दिया है. दो इस्तीफे वायरल हुए हैं, जिसमें एक में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जीतेंद्र नाथ ने पार्टी हाईकमान पर पार्टी के पुराने साथी होते हुए उन्हें बड़े फैसलों में नजर अंदाज करने का आरोप लगाया है.
उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) से इस्तीफा देने वालों में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र नाथ और प्रदेश प्रवक्ता सह प्रदेश महासचिव राहुल कुमार के अलावा मदन चौधरी, प्रमोद यादव और राजेश रंजन का नाम सामने आ रहा है. एक ही दिन में इतने इस्तीफों से पार्टी के अंदर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.
सूत्रों के मुताबिक, बिहार में नीतीश कुमार की नई कैबिनेट में जब से उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश को मंत्री बनाया गया, तबसे ही अंदरखाते नाराजगी बढ़ने लगी थी. दीपक प्रकाश को बिना चुनाव लड़े मंत्री बनाया गया, इसे लेकर उपेंद्र कुशवाहा पर परिवारवाद को बढ़ावा देने के आरोप भी लगे थे. वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता भी अंदरखाते उपेंद्र कुशवाहा के इस फैसले से नाराज थे.
पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र नाथ ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के नाम लिखे इस्तीफा पत्र में लिखा कि प्रिय कुशवाहा जी, लगभग 9 साल से आपके साथ काम कर रहा हूं, लेकिन अब कई राजनीतिक व सांगठनिक निर्णय को अपने को नहीं जोड़ पा रहा हूं. ऐसी स्थिति में अब आपके साथ काम करना संभव नहीं रह गया है, इसलिए पार्टी की अपील जिम्मेदारी और प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देना ही उचित है.
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