
न्यूयार्क। बांदा सागर क्षेत्र (Banda Sagar area) में मंगलवार को भूकंप (Earthquake) के जोरदार झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) (National Centre for Seismology (NCS) के आधिकारिक बयान के मुताबिक, 28 अक्टूबर 2025 को बांदा सागर में 6.5 तीव्रता का भूकंप (6.5 Magnitude Earthquake) दर्ज किया गया। बयान में बताया गया कि यह भूकंप 148 किलोमीटर की गहराई पर केंद्रित था। सोशल मीडिया एक्स पर एनसीएस की एक पोस्ट में विस्तार से कहा गया है कि ईक्यू एम 6.5, तिथि: 28/10/2025 20:10:18 आईएसटी, अक्षांश: 6.73° दक्षिण, देशांतर: 130.01° पूर्व, गहराई: 148 किमी, स्थान: बांदा सागर।
बता दें कि बांदा सागर ऑस्ट्रेलियाई और सुंडा प्लेटों के जटिल अभिसरण क्षेत्र में स्थित है। इस विवर्तनिक अंतर्क्रिया के कारण भूपर्पटी कई छोटी और सूक्ष्म प्लेटों में विभाजित हो गई है, जिनमें बांदा सागर, तिमोर, मोलुक्का सागर और बर्ड्स हेड प्लेटें शामिल हैं। मेहराब के आकार वाली यह अभिसारी सीमा विश्व की सबसे जटिल प्लेट सीमाओं में से एक मानी जाती है। बांदा सागर के नीचे महासागरीय स्थलमंडल 600 किलोमीटर से अधिक गहराई तक अवतलित (सबडक्शन) हो जाता है, जिससे यह क्षेत्र भूकंपीय रूप से अत्यधिक सक्रिय बन गया है।
बांदा सागर में अक्सर 600 किलोमीटर तक की हाइपोसेंट्रल गहराई वाले बड़े भूकंप आते रहते हैं। इनमें 397 किलोमीटर (247 मील) गहराई पर दर्ज Mw 7.6 तीव्रता का भूकंप भी शामिल है। ये मध्यवर्ती (70-300 किलोमीटर या 43-186 मील) और गहरे-केंद्रित (>300-700 किलोमीटर या 190-430 मील) भूकंप महासागरीय स्थलमंडल के अंदर डिप-स्लिप फॉल्टिंग के कारण होते हैं, और इनका आमतौर पर सतह पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता। 1938 में बांदा सागर में आए Mw 8.5-8.6 तीव्रता के भूकंप को एक मध्यवर्ती-केंद्रीय भूकंप के रूप में वर्गीकृत किया गया था।
ऑस्ट्रेलिया-प्रशांत प्लेट सीमा उत्तरी छोर पर पश्चिम की ओर जावा स्थित सुंडा गर्त से पूर्व की ओर सोलोमन द्वीप समूह तक 4000 किलोमीटर से अधिक लंबी फैली हुई है। इसका पूर्वी हिस्सा 2300 किलोमीटर से ज्यादा लंबा है, जो ऑस्ट्रेलियाई महाद्वीप और कोरल सागर के उत्तर-पूर्व से पापुआ न्यू गिनी के पूर्वी तट तक पश्चिम की ओर फैला हुआ है। इस सीमा पर ऑस्ट्रेलियाई प्लेट का सामान्य उत्तर-मुखी अधोमुखीकरण (सबडक्शन) प्रमुखता से देखा जाता है।
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