
उज्जैन. विश्व प्रसिद्ध (world famous) ज्योतिर्लिंग (Jyotirlinga) भगवान महाकालेश्वर (Lord Mahakaleshwar) के दरबार में साल 2025 भक्ति और दान, दोनों ही दृष्टि से ऐतिहासिक रहा है। मंदिर प्रबंध समिति द्वारा शुक्रवार सुबह जारी किए गए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या और दान राशि ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
श्रद्धालुओं की संख्या में भारी उछाल
साल 2025 की शुरुआत से लेकर अब तक (26 दिसंबर) देश-विदेश से लगभग 5.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने महाकाल के दर्शन किए। सुगम दर्शन व्यवस्था और ‘महाकाल लोक’ के आकर्षण के चलते तीर्थयात्रियों की संख्या में यह निरंतर बढ़ोतरी देखी जा रही है।
100 करोड़ से अधिक का नकद दान…
आस्था के साथ-साथ मंदिर के खजाने में भी बड़ी वृद्धि दर्ज की गई है। समिति के अनुसार:
नकद दान:
इस वर्ष कुल दान राशि 100 करोड़ रुपये के जादुई आंकड़े को पार कर गई है।
गत वर्ष से तुलना:
बीते वर्ष (2024) में यह आंकड़ा 92 करोड़ रुपये था, जिसमें इस साल उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।
स्वर्ण-रजत भेंट:
नकदी के अलावा, भक्तों ने लगभग 13 करोड़ रुपये मूल्य के सोने और चांदी के आभूषण व वस्तुएं भी बाबा महाकाल को अर्पित की हैं।
प्रबंधन ने जारी किए आंकड़े…
महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने शुक्रवार को वित्तीय वर्ष और दर्शनार्थियों की रिपोर्ट साझा करते हुए बताया कि मंदिर की व्यवस्थाओं को और बेहतर करने के लिए इस राशि का उपयोग किया जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि वर्ष के अंत तक यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है, क्योंकि नए साल के स्वागत के लिए लाखों भक्तों के उज्जैन पहुंचने की उम्मीद है।
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