
बालाघाट । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) के 90 डिग्री वाले पुल की चर्चा पिछले दिनों पूरे देश में हुई. मामला सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ. अभी इस पुल का मामला थमा ही नहीं था कि इंदौर के Z आकार वाला यानी दो 90 डिग्री वाले पुल (Bridge) का मामला सोशल मीडिया पर तूल पकड़ने लगा. ये तो खैर अभी की बात है. इससे कई आगे बालाघाट (Balaghat) निकला, जहां न 90 डिग्री न Z, यहां X आकार वाला पुल है. ग्राउंड रिपोर्ट में आप भी देखिए इंजीनियरिंग का ‘नायाब नमूना’…
X आकार वाला पुल
बालाघाट के अंतिम छोर पर स्थित कोयलारी नाम का एक गांव है, जो सिवनी जिले की सीमा पर बसा है. वहां पर करीब 15 साल पहले ही X आकार का पुल बना. वहां पर जब लोकल 18 की टीम पहुंची तो मुलाकात एक शख्स से हुई. तब उनसे पुल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, ये अजूबा है अजुबा. भोपाल, इंदौर ही नहीं बालाघाट में 15 साल पहले ही इंजीनियरिंग का नायाब नमूना बनकर तैयार हुआ है. ऐसा पुल शायद ही कहीं बना होगा.
स्थानीय लोग बोले- यहां अक्सर होते हैं हादसे
स्थानीय लोगों ने बताया कि इस पुल पर हाल ही में एक हादसा हुआ, जिसमें एक डंपर ने पुल पर जोरदार टक्कर मारी, जिससे वह रेलिंग तोड़ लटक गया. हालांकि, उस हादसे में किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ. लेकिन, पुल क्षतिग्रस्त हो गया. उस डंपर को क्रेन की मदद से निकाल लिया गया.
मौत को दावत देता पुल
स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसा कोई महीना नहीं है, जिसमें यहां पर हादसे नहीं होते. दरअसल, रात के वक्त स्पीड से वाहन आते हैं, लेकिन जिसे इस पुल की बनावट का अंदाजा नहीं होता वह इससे टकरा जाता है और हादसे का शिकार हो जाता है. वहीं, इस पुल पर दर्जन भर से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इसके बावजूद प्रशासन ने इसे बंद नहीं करवाया. बता दें कि प्रशासन ने दोनों ओर डेंजर लिखकर वाहन चालकों को चेताया भी है.
हादसे के बाद होती है मरम्मत
स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां पर लगातार हादसे होते हैं. इसके बावजूद पुल सही ढंग से बनाने के बजाय क्षतिग्रस्त भाग की मरम्मत करवा कर शुरू करवा दिया जाता है. ऐसे में ग्रामीणों ने इसे मौत का पुल कहना शुरू कर दिया है.
हर दिन गुजरती करीब 1000 गाड़ियां
यह पुल जबलपुर से नागपुर को जोड़ने वाले मुख्य हाईवे को जोड़ता है. ऐसे में कटंगी की ओर आने-जाने वाले तमाम वाहन इसी पुल से होकर गुजरते हैं. करीब 1000 वाहन 24 घंटे में गुजरते हैं. वहीं, पहली बार आने वाले इसे देखकर चकरा जाते हैं.
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