
आगरा: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) पुलिस की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. आगरा (Agra) के किरावली थाने (Kirawali Police Station) में पुलिस का बेहद अमानवीय और क्रूर चेहरा सामने आया है. एक हत्याकांड (Murder Case) में पूछताछ के नाम पर 42 वर्षीय युवक राजू (Raju) को इतनी बेरहमी से पीटा गया कि उसके दोनों पैरों की हड्डियां टूट गईं. इस मामले में मानवाधिकारों के खुले उल्लंघन को देखते हुए पुलिस आयुक्त ने कड़ा एक्शन लिया है. एसीपी को पद से हटा दिया गया है. वहीं, थानाध्यक्ष, एसआई और सिपाही को सस्पेंड (Suspended) कर दिया गया है.
मामला 5 अगस्त का है, आगरा के करहारा गांव में पूर्व फौजी बनवीर की हत्या की गई थी. पुलिस इस केस में सुराग तलाशने के बजाय डंडे के दम पर खुलासा करने की कोशिश कर रही थी. रविवार को गांव के ही राजू को पूछताछ के लिए थाने लाया गया.
बिना किसी पुख्ता सबूत के, केवल शक के आधार पर एसआई धर्मवीर और सिपाही रवि ने उसे इतना पीटा कि उसके पैरों पर पांच डंडे टूट गए. जब राजू दर्द से कराहते हुए बेहोश हो गया, तब पुलिसकर्मियों के हाथ-पांव फूल गए. घबराए पुलिसकर्मियों ने घायल युवक को आनन-फानन में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया और बाहर पहरा बैठा दिया.
हद तो तब हो गई जब अधिकारियों को गुमराह करने के लिए पुलिस ने रिपोर्ट दी कि युवक की केवल उंगली में मामूली चोट आई है. घायल राजू पर दबाव बनाया गया कि वह कहे कि वह फिसलकर गिर गया था. हालांकि, जब सोशल मीडिया पर युवक के दोनों पैरों पर चढ़े प्लास्टर की फोटो वायरल हुई, तो पुलिस के झूठ की कलई खुल गई.
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की. उन्होंने एसीपी (अछनेरा) रामप्रवेश गुप्ता को पद से हटा दिया. साथ ही थानाध्यक्ष नीरज सिंह, एसआई धर्मवीर और सिपाही रवि को निलंबित कर दिया. इसके अलावा पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच अपर पुलिस आयुक्त रामबदन सिंह को सौंप दी.
स्थानीय स्तर पर यह चर्चा भी है कि पुलिस ने किसी के इशारे पर युवक को पीटने का ठेका लिया था. गांव के ही कुछ प्रभावशाली लोगों द्वारा पुलिस को भड़काने की बात सामने आ रही है. फिलहाल पीड़ित का परिवार दहशत में है और पुलिस की इस बर्बरता ने आधुनिक पुलिसिंग के दावों की हवा निकाल दी है.
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