
नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने मकोका मामले (MCOCA cases) में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश बालियान (Naresh Balyan) को कस्टडी पैरोल पर रिहा करने से बुधवार को इनकार कर दिया। नरेश बालियान ने आगामी विधानसभा चुनाव लड़ रहीं अपनी पत्नी का मार्गदर्शन करने का हवाला देते हुए कस्टडी पैरोल की मांग की थी।
बालियान ने अपनी दलील में कहा था कि मेरी पत्नी चुनाव लड़ रही है। उनका मार्गदर्शन करने वाला कोई नहीं है। कोई भी पति का स्थान नहीं ले सकता है। मुझे (जेल में) फोन भी उपलब्ध नहीं कराया गया है। मैं हिरासत में रहूंगा। ऐसे में मैं गवाहों के पास कैसे जाऊंगा? ऐसे में पुलिस की यह आशंका कि कस्टडी पैरोल से जांच प्रभावित होगी, निराधार है।
दिल्ली पुलिस ने विधायक नरेश बालियान को हिरासत में पैरोल दिए जाने का विरोध करते हुए कहा कि मामले की जांच चल रही है। कुछ गवाह भी सामने आए हैं। पुलिस की ओर से पेश की गई दलील पर गौर करते हुए जस्टिस विकास महाजन ने कहा कि वह राहत देने के पक्ष में नहीं हैं।
जस्टिस विकास महाजन ने कहा कि बालियान का मामला दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन के मामले से अलग है। बता दें कि ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कस्टडी पैरोल की राहत दी थी।
जस्टिस विकास महाजन ने बालियान की याचिका खारित करते हुए कहा- यदि वह चुनाव लड़ रहे होते तो मामला अलग होता। ताहिर हुसैन का मामला अलग है। बालियान चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। सनद रहे अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ताहिर हुसैन कोई मिसाल नहीं है।
अदालत ने बालियान की जमानत याचिका पर सुनवाई 30 जनवरी के लिए तय कर दी क्योंकि उनके वकील ने कहा कि वह इस समय कस्टडी पैरोल की मांग पर जोर नहीं देंगे। बालियान के वकील एमएस खान ने कहा कि पुलिस की यह आशंका कि इससे जांच प्रभावित होगी, निराधार है।
बता दें कि बालियान ने 28 जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए छह घंटे के लिए कस्टडी पैरोल पर रिहा किए जाने का आग्रह किया था। बालियान को चार दिसंबर 2024 को मकोका मामले में गिरफ्तार किया गया था। निचली अदालत ने 15 जनवरी को बालियान को जमानत देने से इनकार कर दिया था।
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