
चंडीगढ़। पूर्व आईपीएस अधिकारी (Former IPS officer) और अमृतसर नॉर्थ (Amritsar North) से आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह (MLA Kunwar Vijay Pratap Singh) को 5 साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया (Bikram Singh Majithia) के खिलाफ विजिलेंस कार्रवाई और उनकी गिरफ्तारी पर सवाल उठाए थे। पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति ने यह कठोर कदम कुंवर विजय प्रताप की पार्टी विरोधी गतिविधियों और पंजाब सरकार की ड्रग्स के खिलाफ मुहिम में बाधा डालने के आरोपों के चलते उठाया है। मजीठिया को 25 जून को पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने अमृतसर में उनके घर से गिरफ्तार किया था। मजीठिया पर 540 करोड़ रुपये से अधिक की ड्रग मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का आरोप है।
कुंवर विजय प्रताप ने मजीठिया के खिलाफ विजिलेंस कार्रवाई और उनकी गिरफ्तारी पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि मजीठिया जेल में थे तब पंजाब सरकार ने कोई पूछताछ नहीं की और उनकी जमानत में सहायता की लेकिन अब अचानक कार्रवाई शुरू करना सवाल उठाता है। उन्होंने सोशल मीडिया पर मजीठिया की पत्नी के साथ विजिलेंस टीम की बहस का वीडियो साझा करते हुए सरकार की कार्रवाई को अनुचित बताया था। इस मुद्दे को उठाने से आम आदमी पार्टी को अपनी कार्रवाई पर जवाब देना भी मुश्किल हो गया था। उन्होंने गिरफ्तारी के तरीकों को लेकर के भी पार्टी की नियत पर सवाल खड़े किए थे। इसे पार्टी ने अनुशासनहीनता माना और राजनीतिक मामलों की कमेटी ने कड़ा कदम उठाते हुए कुंवर विजय प्रताप को 5 साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया।
मजीठिया पर कार्रवाई को लेकर उठाया था सवाल
कुंवर विजय प्रताप सिंह ने बिक्रम सिंह मजीठिया की गिरफ्तारी को लेकर सोशल मीडिया पर लिखा, ‘जब मजीठिया 2022 में नशा मामले में जेल में थे, तब मान सरकार ने न तो उनसे पूछताछ की, न ही कोई चालान पेश किया और बाद में उन्हें जमानत मिल गई। बरगाड़ी बेअदबी मामले में भी न्याय के समय सरकार ने आरोपियों के परिवार से समझौता कर लिया। मैं मजीठिया से पहले भी असहमत था और आगे भी रहूंगा, लेकिन परिवार की इज्जत सभी की साझी होती है, चाहे वह नेता हो या अभिनेता, अमीर हो या गरीब, दोस्त हो या विरोधी। सुबह-सुबह किसी के घर पर रेड डालना नीति के विरुद्ध है। लगभग हर आने वाली सरकार ने पुलिस और विजिलेंस का अपने हित में दुरुपयोग किया है, लेकिन इसका कोई स्पष्ट नतीजा सामने नहीं आया। मैं किसी से राजनीतिक मतभेद रख सकता हूं, वैचारिक अंतर हो सकता है, लेकिन जब बात नीति, धर्म और परोपकार की हो तो उस पर चर्चा करना आवश्यक हो जाता है।’
AAP आखिर क्या देना चाहती है संदेश
आम आदमी पार्टी ने विजय प्रताप सिंह पर कार्रवाई कर अपने सभी सदस्यों, वर्करों, सांसदों और विधायकों को कड़ा संदेश दिया है कि पार्टी विरोधी किसी गतिविधि को स्वीकार नहीं किया जाएगा। नशे के खिलाफ पार्टी का अभियान किसी भी कीमत पर कमजोर नहीं पड़ने दिया जाएगा और अगर कोई इस कैंपेन में राजनीतिक रूप से दखल देगा या विरोध करेगा तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कुंवर विजय प्रताप को अभी पार्टी से सस्पेंड किया गया है और उनकी विधायकी बनी रहेगी। पार्टी की ओर से उन्हें अपना पक्ष रखने और अपना रवैया सुधारने का मौका दिया जाएगा। अगर सुधार नहीं हुआ तो पार्टी की ओर से उनके खिलाफ इससे ज्यादा सख्त एक्शन लिया जा सकता है।
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