
लखनऊ: आजम खान के बेटे और रामपुर की स्वार सीट से सपा के उम्मीदवार अब्दुल्ला आजम की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब्दुल्ला आजम हाल ही में जेल से छूट कर आए हैं. कांग्रेस और बीजेपी उम्मीदवार अब्दुल्ला आजम के दस्तावेज गलत होने का आरोप लगाकर उनका नामांकन रद्द कराने की फिराक में हैं, तो अब्दुल्ला प्रशासन पर बीजेपी का साथ देने का आरोप लगा रहे हैं.
अब्दुल्ला आजम प्रशासन से बेहद खफा नजर आ रहे हैं. 23 महीने जेल रह कर आए अब्दुल्ला आजम का कहना है कि यूपी प्रशासन उनके खिलाफ षड्यंत्र रच रहा है. स्वार सीट से सपा प्रत्याशी अब्दुल्ला आजम ने कहा, “मुझे प्रचार नहीं करने दिया जा रहा है. मेरे पीछे पुलिस रहती है और मेरा नामांकन रद्द कराने की साजिश हो रही है, दम है तो मुझे चुनाव में हराएं.”
दरअसल आजम खान के परिवार पर 200 से ज्यादा मुकदमे हैं. आजम खान पर 103 मुकदमे हैं. अब्दुल्ला पर 43 मुकदमे हैं. आजम खान की पत्नी ताजीम फातिमा पर 32 मुकदमे हैं. अब्दुल्ला 2017 में स्वार सीट से चुनाव जीते थे पर गलत आयु प्रमाण पत्र देने के कारण कोर्ट के आदेश पर अब्दुल्ला की विधायकी रद्द कर दी गई थी. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही इसी दलील के आधार पर अब्दुल्ला का नामांकन रद्द करने की मांग कर रहे हैं.
अब्दुल्ला ने 2017 में आजम खान के परंपरागत प्रतिद्वंद्वी नवाब नवेद मियां को हरा दिया था तो इस बार मैदान में नवेद मियां के बेटे अपने पिता की हार का बदला लेने के लिए बीजेपी के सहयोगी दल अपना दल से मैदान में उतरे हैं. हमजा के पिता नवाब नवेद मियां ने कहा, “जो फोर्जरी करेगा, 420 सी करेगा तो उसका पर्चा रद्द होगी ही, चुनाव प्रक्रिया के हिसाब से होता है जिसका सबको पालन करना होता है.”
अब्दुल्ला आजम ने मंगलवार को सपा की तरफ से रामपुर की स्वार सीट से नामांकन दाखिल किया है, लेकिन अब्दुल्ला के नामांकन रद्द होने की संभावना चलते सपा ने अब्दुल्ला की मां ताजीन फातिमा का भी इसी सीट से नामांकन कराया है, ताकि अगर अब्दुल्ला का नामांकन रद्द हो तो उनकी मां चुनाव लड़ सकें.
आजम खान अब भी जेल में हैं. उन्हें जेल में 23 महीने हो गए हैं. अब्दुल्ला हाल ही में जेल से छूटे हैं तो उनकी मां ताजीन भी दस महीने जेल में रह कर आई हैं. रामपुर में आजम के परिवार के लिए लोगों में सांत्वना है और ये चुनाव आजम खान के लिए नाक का चुनाव है तो बीजेपी भी पूरी कोशिश में है कि किसी तरह आजम के परिवार को हराया जाए. यही वजह है कि 80 बनाम 20 करने वाली बीजेपी गठबंधन ने अब्दुल्ला के सामने अपने पहले मुस्लिम उम्मीदवार हमजा को मैदान में उतारा है.
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