img-fluid

देश के लगभग 50.2 प्रतिशत कृषक परिवार कर्ज में डूबे हुए हैं – कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा

August 07, 2025


नई दिल्ली/चंडीगढ़ । कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा (Congress MP Kumari Sailja) ने कहा कि देश के लगभग 50.2 प्रतिशत कृषक परिवार (About 50.2 percent of the Country’s Farming Families) कर्ज में डूबे हुए हैं (Are in Debt) ।


कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2016 में देश के किसानों से वादा किया था कि वर्ष 2022 तक उनकी आय दुगनी कर दी जाएगी। परंतु अब वर्ष 2025 में भी आधिकारिक आंकड़ों और सरकारी रिपोर्टों से यह स्पष्ट हो गया है कि यह वादा पूरा तो नहीं हुआ, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति पहले से अधिक दयनीय हो गई है। हालात ये है कि देश के लगभग 50.2 प्रतिशत कृषक परिवार कर्ज में डूबे हुए हैं।

मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा प्रकाशित कृषि परिवारों का स्थिति मूल्यांकन सर्वेक्षण (रिपोर्ट संख्या 587) और संपूर्ण भारत ऋण और निवेश सर्वेक्षण (रिपोर्ट संख्या 588) के अनुसार लगभग 50.2 प्रतिशत कृषि परिवार कर्ज में डूबे हुए हैं। प्रति कृषि परिवार का औसत बकाया ऋण 74,121 है। किसानों को ऋण के लिए संस्थागत बैंकों के साथ-साथ गैर-संस्थागत स्रोतों जैसे साहूकारों और रिश्तेदारों पर भी निर्भर रहना पड़ता है। इन तथ्यों से यह स्पष्ट है कि किसानों की आमदनी बढ़ने की बजाय, उनकी ऋण-निर्भरता बढ़ी है और आर्थिक संकट गहराया है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों के साथ किए गए वादों के विपरीत केवल खोखले भाषण और जुमले दिए हैं, जबकि जमीनी हकीकत यह है कि आज भी देश का किसान आत्महत्या, कर्ज और महंगाई की त्रासदी से जूझ रहा है। आंध्र प्रदेश में औसत कृषि ऋण 2,45,554, पंजाब में 2,03,249 और हरियाणा में 1,82,922 तक पहुंच गया है। इससे स्पष्ट है कि सरकार की तथाकथित किसान हितैषी योजनाएं जमीनी स्तर पर प्रभावी नहीं हैं।

कुमारी सैलजा ने इस रिपोर्ट पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि यह केवल आर्थिक विफलता नहीं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक असंवेदनशीलता का भी प्रतीक है। किसानों को राहत देने की बजाय केंद्र सरकार ने हरियाणा में फसल बीमा भुगतान में 90 प्रतिशत की कटौती को उचित ठहराया, जो कि साफ तौर पर किसानों के साथ अन्याय है। सांसद ने कहा कि केवल नकद सहायता समाधान नहीं है, बल्कि बहु-स्तरीय समर्थन प्रणाली की जरूरत है जिसमें सिंचाई, फसल अनुसंधान, मंडी तक पहुंच, न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी और शिक्षा-स्वास्थ्य के लिए संस्थागत ऋण की व्यवस्था शामिल हो।

सांसद ने केंद्र सरकार से मांग की कि वह किसानों के लिए नई और प्रभावशाली ऋण नीति बनाए, ऋण पुनर्भुगतान की शर्तों की समीक्षा करें और कृषि क्षेत्र में निवेश को प्राथमिकता दे। किसानों की आय में वास्तविक वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए ठोस और पारदर्शी योजना बनाई जाए, कृषि ऋण माफी की व्यापक नीति लागू की जाए, एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को कानूनी गारंटी दी जाए। अगर अब भी कृषि नीति को नहीं सुधारा गया तो यह संकट केवल आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक आपदा में बदल जाएगा। कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ खड़ी है और उनकी आवाज को संसद से लेकर सडक़ों तक बुलंद करती रहेगी।

Share:

  • मोदी सरकार की विदेश नीति पूरी तरह विफल हो रही है - सपा मुखिया अखिलेश यादव

    Thu Aug 7 , 2025
    नई दिल्ली । सपा मुखिया अखिलेश यादव (SP chief Akhilesh Yadav) ने कहा कि मोदी सरकार की विदेश नीति (Modi Government’s Foreign Policy) पूरी तरह विफल हो रही है (Is completely Failing) । कहीं न कहीं हमारा भारत संकट में है और देश चौतरफा घिरा है। दिल्ली में अखिलेश यादव ने गुरुवार को मीडिया से […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved