
नई दिल्ली । आतंकवादी संगठन (Terrorist organizations)लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba)के मुख्य कमांडर हाफिज सईद (Commander in Chief Hafiz Saeed)के करीबी अबू कताल(Close Abu Qataal) मारा गया है। अब जानकारों का मानना है कि मुंबई के 26/11 हमलों के जिम्मेदार सईद का हश्र भी ऐसा ही हो सकता है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि इस हत्या की वजह भारत को बदनाम करना भी हो सकती है। रिपोर्ट्स के अनुसार, रविवार को पाकिस्तान में अज्ञात बंदूकधारियों ने कताल की हत्या कर दी थी।
समाचार एजेंसी से बातचीत में विदेश मामलों के जानकार रॉबिंदर सचदेव ने कहा, ‘हाफिज सईद के करीबी की हत्या हो गई है, जिसका मतलब है कि जो उन्हें ट्रेक कर रहे थे, वो काफी करीब पहुंच गए थे। ऐसा कहा जाता है कि जो तलवार के सहारे जीते हैं, वो तलवार से ही मरते हैं और हाफिज सईद के साथ भी ऐसा हो सकता है। अबू कताल कश्मीर, राजौरी, पुंछ, पीओके में कई हमलों में शामिल था।’
सचदेव का कहना है कि इस हत्याकांड के बाद सईद ने अपनी सुरक्षा में इजाफा कर लिया होगा। उन्होंने कहा, ‘हो सकता है कि हफीज ने अगला फैसला अपनी सुरक्षा बढ़ाने और पाकिस्तानी सेना से मदद मांगने का लिया है। हालांकि, वह पहले ही उसे सुरक्षा दे रहे हैं…। कोई नहीं बता सकता कि इस घटना के पीछे कौन है, लेकिन हो सकता है कि यह पाकिस्तानी अधिकारियों ने ही भारत को बदनाम करने के लिए किया हो।’
रिटायर्ड मेजर जनरल ध्रुव सी कटोच ने एक अन्य के इस हमले में घायल होने पर कहा कि इसके पीछे खुद सईद भी हो सकता है। उन्होंने एएनआई को बताया, ‘अन्य घायल व्यक्ति को पाकिस्तानी के सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है और इसने चर्चाएं बढ़ा दी हैं, क्योंकि पाकिस्तान उस शख्स की पहचान को लेकर चुप है और कुछ रिपोर्ट्स बता रही हैं कि वह हाफिज सईद है।’
उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि इस बात से फर्क पड़ता है कि वह हाफिज सईद है या नहीं। जरूरी बात यह है कि वह परेशान हो गया होगा…। चूंकि वह फरार है और निशाने पर है और पाकिस्तानी सेना से सुरक्षा मिलने के बाद भी कोई आतंकी पाकिस्तान में सुरक्षित नहीं है…। बाहर यह संदेश जा रहा है कि सुरक्षा मिलने के बाद भी वो सुरक्षित नहीं हैं और मारे जाएंगे।’
अबू कताल और उसके करीबी की हत्या
वार्ता की रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब प्रांत में हाफिज सईद के करीबी सहयोगी अबू कताल और उसके सुरक्षाकर्मी की अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। मीडिया रिपोर्ट्स में यह जानकारी दी गई। ‘द न्यूज’ की रिपोर्ट के अनुसार अबू कताल, जिसका असली नाम जिया उर रहमान था, मंगला-झेलम रोड पर बंदूक से उस समय हमला हुआ जब वह अपनी काली जीप में यात्रा कर रहा था। अबू कताल और उसके सुरक्षाकर्मी दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
बताया जाता है कि हमलावर मोटरसाइकिल पर सवार थे और उन्होंने जीप पर गोलियां चलाईं। सूत्रों का कहना है कि हमले के तुरंत बाद एक संदिग्ध हमलावर को पकड़ लिया गया था, लेकिन फिलहाल गिरफ्तारी की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। ‘जियो टीवी’ की रिपोर्ट के अनुसार झेलम जिले के पुलिस अधिकारी तारिक अजीज संधो टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे।
सूत्रों ने दावा किया कि लश्कर के सबसे कुख्यात आतंकवादी अबू क़ताल को जम्मू-कश्मीर में कई हमलों की योजना बनाने और उनका नेतृत्व करने के लिए जाना जाता है। जिसमें नौ जून, 2024 को जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में शिव खोरी मंदिर से वापस आ रहे तीर्थयात्रियों की बस पर घात लगाकर हमला भी शामिल है। सईद ने ही कथित तौर पर अबू कताल को लश्कर का मुख्य ऑपरेशनल कमांडर नियुक्त किया था और नियमित रूप से उसे कश्मीर में विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने के निर्देश दिए थे। अबू कताल का नाम 2023 के राजौरी हमले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा तैयार की गई चार्जशीट में भी शामिल है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved