
नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) में कांग्रेस (Congress) को करारी हार का सामना करना पड़ा है. 61 सीटों पर चुनाव लड़ी कांग्रेस को महज 6 सीटों पर जीत मिली है. इसके बाद गुरुवार को बिहार की हार पर समीक्षा बैठक बुलाई गई. इसमें राहुल गांधी (Rahul Gandhi), मल्लिकार्जुन खरगे और केसी वेणुगोपाल (Mallikarjun Kharge and KC Venugopal) ने 10-10 के बैच में फीडबैक लिया. बैठक में प्रत्याशी, सांसद और वरिष्ठ नेता शामिल हुए. बैठक से पहले जमकर हंगामा भी हुआ, जिसमें नेताओं ने एक-दूसरे को गोली मारने की धमकी दी.
बैठक से पहले जब बड़े हाल में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के आने का इंतजार हो रहा था, उसी समय वैशाली से कांग्रेस उम्मीदवार रहे इंजीनियर संजीव सिंह ने बाहर से आए और पार्टी टिकट पा गए प्रत्याशियों व फ्रेंडली फाइट को लेकर आरोप लगाने शुरू कर दिए. संजीव सिंह की सीट भी फ्रेंडली फाइट वाली थी.
संजीव को कुछ प्रत्याशियों ने टोकना शुरू कर दिया. इसके बाद बातचीत इतनी बढ़ी कि गुस्से की गर्मी में उन्होंने टोका-टोकी कर रहे पूर्णिया प्रत्याशी जितेंद्र कुमार समेत अन्य बाहर से आए प्रत्याशियों को गोली मार देने की धमकी दे दी. अपशब्द भी कहे. ये हैरान कर देने वाली घटना देख सीनियर नेताओं ने बीच-बचाव किया.
जब ये घटना हुई उस वक्त बैठक में प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, शकील, अखिलेश प्रसाद सिंह, मदन मोहन झा सहित अन्य नेता मौजूद थे. इसके बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने कहा कि ये सब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पार्टी में लोग आते-जाते हैं लेकिन अनुशासन रहना चाहिए.
बैठक में मुख्य रूप से टिकट बेचने के आरोप लगे. फ्रेंडली फाइट से नुकसान का मुद्दा उठा. पप्पू यादव पर कुछ प्रत्याशियों को हराने का आरोप लगा. एसआईआर की प्रक्रिया के बाद बढ़े वोटरों का बीजेपी में जाने की आशंका जाहिर की गई. पार्टी में आंतरिक झगड़े को हार की वजह माना गया. पूरे प्रदेश में प्रभाव रखने वाला कोई नेता नहीं है, कन्हैया जैसे नेताओं का इस्तेमाल नहीं किया गया.
इसके साथ ही बैठक में ये भी बात उठी कि नए नेताओं को आगे बढ़ाए जाने की जरूरत है. आरजेडी से गठबंधन नहीं होता तो भी पार्टी की इतनी खराब हालत नहीं होती. गठबंधन बेहद देर से हुआ, सीट बंटवारे में और सिंबल देने में बहुत समय लिया गया, ये भी मुद्दे उठे. कुछ प्रत्याशियों ने सुझाव दिया कि फिलहाल राजद के साथ गठबंधन खत्म कर देना चाहिए. पार्टी को खुद को मजबूत करना चाहिए.
बैठक में ये सुझाव दिया गया कि अगले विधानसभा चुनाव के पहले गठबंधन को लेकर दोबारा विचार करना चाहिए. ओवैसी की उपस्थिति की वजह से सीमांचल के क्षेत्र में मुस्लिम वोटरों के महागठबंधन के वोट न देने का मुद्दा भी उठाया गया. बैठक से पहले राहुल ने कहा कि किसी पर आरोप लगाने की जरूरत नहीं है बस अपने विधानसभा की बात करें.
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