
नई दिल्ली । जम्मू के मध्य क्षेत्र(Central region of Jammu) में मंगलवार को एक संदिग्ध चोर (Suspected thief)को सार्वजनिक रूप से जूतों की माला पहनाकर अपमानित(humiliated by garlanding) करने का मामला सामने आया है। युवक को पुलिस की गाड़ी के बोनट पर बैठा घुमाया गया। इस संबंध में जांच शुरू की गई है। सोशल मीडिया पर इस घटना का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वहां मौजूद लोग इस कृत्य पर तालियां बजाते और खुशी मनाते हुए नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर सामने आए इस वीडियो पर यूजर्स अलग-अलग प्रतिक्रिया दे रहे हैं। जहां कई लोगों ने पुलिस की इस कार्रवाई की वैधता और नैतिकता पर सवाल उठाए हैं तो वहीं कुछ लोगों ने इसे जंगलराज करार दिया है।
जम्मू के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जोगिंदर सिंह ने घटना की निंदा करते हुए इस मामले में विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। आरोपी कश्मीर का निवासी है और गिरफ्तारी के समय कथित तौर पर नशे की हालत में था। उसे एक अस्पताल के पास पीछा करने और झड़प के बाद पकड़ा गया। बख्शी नगर पुलिस थाने के थाना प्रभारी आजाद मन्हास ने बताया कि आरोपी उस गिरोह में शामिल है, जिसका हाल ही में इस इलाके में भंडाफोड़ हुआ था। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले दवा खरीदते समय एक व्यक्ति से 40,000 रुपये लूट लिये गए थे। हालांकि, वह व्यक्ति चोर को पहचानकर उससे भिड़ गया था।
चाकू से किया था हमला
थाना प्रभारी ने बताया कि चोर ने उक्त व्यक्ति पर चाकू से हमला किया था, जिससे वह घायल हो गया था। आरोपी ने मौके से भागने की कोशिश की थी। उन्होंने बताया कि इलाके में गश्त कर रहे पुलिसकर्मियों ने आरोपी का पीछा किया और उसे पकड़ लिया। अधिकारी ने बताया कि जब आरोपी को पकड़ लिया गया तो कुछ स्थानीय युवकों ने कथित तौर पर उसके हाथ रस्सी से बांध दिए और उसे जूतों की माला पहना दी। उन्होंने बताया कि इसके बाद आरोपी को सड़कों पर घुमाया गया। थोड़ी देर के लिए पुलिस वाहन के बोनट पर बैठाया गया और पुलिस थाने ले जाते समय सार्वजनिक संबोधन प्रणाली के माध्यम से उसकी गिरफ्तारी का ऐलान किया गया। कई लोगों ने पुलिस टीम के समर्थन में नारे लगाए।
विभागीय जांच के आदेश
जम्मू के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जोगिंदर सिंह ने कहा कि पुलिसकर्मियों की कार्रवाई गैर-पेशेवर और अनुशासित संगठन के सदस्यों के लिए अनुचित है। उन्होंने इस मामले की सख्त विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। एसएसपी के आदेश में कहा गया, ‘वास्तविक तथ्यों का पता लगाने के लिए इस मामले की प्रारंभिक जांच का आदेश दिया जाता है, जिसे सिटी नॉर्थ, जम्मू के उप-मंडलीय पुलिस अधिकारी को सौंपा गया है। वह इस मामले की जांच करेंगे और एक सप्ताह के भीतर इस कार्यालय में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।’ जम्मू में इस महीने में यह ऐसा दूसरा मामला है।
इससे पहले 11 जून को एक ऐसी ही घटना हुई थी, जिसमें गोलीबारी में शामिल तीन अपराधियों को पुलिस की ओर से सार्वजनिक रूप से पीटा गया था। जम्मू-कश्मीर छात्र संघ के राष्ट्रीय संयोजक नासिर खुएहामी ने इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘पुलिस भीड़ नहीं है। वे कानून के संरक्षक हैं। एसएचओ का कर्तव्य जांच करना है न कि न्याय को कायम रखने के लिए निर्णय करना, सार्वजनिक तमाशा दिखाकर दंड देना है।’
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