मुंबई। फिल्म शोले में सांभा (Sambha in Sholay) का किरदार निभाने वाले एक्टर मैक मोहन (Mac mohan) उस दिन रोने लगे थे। शोले की स्क्रीनिंग के दौरान उन्हें पता चला कि फिल्म में उनके कई सीन काट दिए गए हैं। थिएटर के मैनेजर ने भी भेज दिया था घर। जानिए किस्सा।
1975 में रिलीज हुई अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र स्टारर फिल्म शोले हिंदी सिनेमा की पहचान कही जाती है। फिल्म की कहानी हो, डायलॉग हो या किरदार,ये एक ऐसी फिल्म बनी जो आज तक हर उम्र और वर्ग की ऑडियंस को पसंद आई। फिल्म के हर किरदार अमर हो गए। आज भी गब्बर का खौफ है और आज भी जय-वीरू की दोस्ती मशहूर है। लेकिन क्या आप जानते हैं फिल्म में गब्बर के साथ विलेन बने नजर आए सांभा का किरदार निभाने वाले एक्टर मैक मोहन इस फिल्म को देखने के बाद फफककर रो पड़े थे। ये आंसू खुशी के नहीं बल्कि दुख के थे।
उस दिन सांभा की आंखों में थे आंसू
उस दिन रमेश सिप्पी के डायरेक्शन में बनी शोले की टेस्ट स्क्रीनिंग रखी गई थी। फिल्म से जुड़े एक्टर्स, सदस्य, पर्दे के पीछे काम करने वालों को ये फिल्म दिखाई गई। फिल्म देखने के बाद सभी खुश थे। सभी काम से खुश थे सिर्फ सांभा बने मैक मोहन के। दरअसल, इस फिल्म के लिए मएक्टर मैकमोहन ने कड़ी मेहनत की थी। लेकिन फिल्म में उनके कई और सीन होने थे जिन्हें काट दिया गया था।
मैकमोहन ने दुखी मन से डायरेक्टर रमेश सिप्पी से कहा कि अब तो मैं फिल्मों में अच्छे किरदार भी निभा रहा हूं लेकिन आपने तो मुझे जूनियर एक्टर बनाकर छोड़ दिया। इससे अच्छे तो आप शोले से मेरे ये सीन्स भी काट देते, मुझे दिलम से हटा दीजिए। इस बात पर डायरेक्टर रमेश सिप्पी ने कहा कि कुछ गैरजरुरी सीन उनकी तरफ से काटे गए हैं और कुछ सेंसर बोर्ड ने काट दिए। डायरेक्टर ने कहा कि अगर ये फिल्म हिट हुई तो तुम्हारा एक ही सीन ऑडियंस को सालों याद रहेगा।
थिएटर से भेजा गया घर
मिनर्वा थिएटर के मैनेजर एक्टर मैकमोहन के पास आए और उन्हें जाने के लिए कह दिया। मैनेजर ने कहा कि अगर आप यहीं रहे तो भीड़ पर काबू नहीं पाया जा सकेगा। ऐसे में थिएटर के पीछे वाले गेट पर उनकी गाड़ी मंगवाई गई। उनके परिवार के साथ उन्हें थिएटर से विदा किया गया और इस तरह सांभा का किरदार देशभर में मशहूर हुआ।
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