
इन्दौर। अब सुहागन महिलाओं (Married Women) की मांग में भरे जाने वाले सिंदूर (Vermilion) में भी मिलावट (Adulteration) होने के कारण महिलाओं को अपनी मांग में सिंदूर लगाना महंगा पड़ रहा है। मिलावटी सिंदूर लगाने के कारण महिलाओ के सिर के न सिर्फ तेजी से बाल (hair) झड़ रहे हैं, बल्कि सिर से लेकर माथे की स्किन (Skin) मतलब त्वचा पर खतरनाक चर्म रोग (Dangerous skin diseases) हो रहे हैं।
शहर के सरकारी और निजी अस्पतालों में मिलावटी सिंदूर की वजह से हुई एलर्जी के कई मामले सामने आ रहे हैं। डाक्टर्स का कहना है कि चायना के सिंदूर के कारण यह समस्या बढ़ रही है। सारी दुनिया में सिंदूर की सबसे ज्यादा खपत इन्दौर सहित सारे देश में होती है। सिंदूर का इस्तेमाल, भारतीय सुहागन महिलाएं अपनी मांग भरने में करती हैं। इसके अलावा सिंदूर का सबसे ज्यादा उपयोग भगवान हनुमान को चोला चढ़ाने के साथ पूजा-पाठ व अनुष्ठानों में हर रोज किया जाता है। मिलावटी सिंदूर की सबसे ज्यादा खपत आसपास के छोटे कस्बों, गांवों के हाट बाजारों में हो रही है। शहर की अपेक्षा गांवों की महिलाएं सिंदूर का इस्तेमाल ज्यादा करती हैं।
प्राकृतिक सिंदूर ही सर्वश्रेष्ठ है
बाजार में जो सिंदूर मिलता है, उसे बनाने के लिए चूना और हल्दी के मिश्रण में मरक्यूरी को मिलाया जाता है। इसके अलावा प्राकृतिक सिंदूर पौधे से प्राप्त होता है। इसे सिन्दूर का पौधा अथवा पेड़ कहा जाता है। सिंदूर के पौधे को अंग्रेजी में कैमिला ट्री और हिंदी में कुमकुम का पेड़ कहा जाता है। पूजा-पाठ व अनुष्ठान से लेकर शृृंगार के लिए प्राकृतिक सिंदूर को सबसे उत्तम और सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
चायना का सिंदूर ज्यादा खतरनाक
चायना के सिंदूर में आर्सेनिक मेटल पाउडर मिलाया जाता है,जो स्किन के लिए बहुत खतरनाक होता है। इसकी वजह से खतरनाक एलर्जी और गम्भीर प्रकार के चर्म रोग होते हैं। मेरे क्लिनिक पर मिलावटी सिंदूर से पीडि़त स्थानीय के अलावा झाबुआ सहित अन्य जिलों की भी महिलाएं इलाज कराने आ रही हैं।
-डॉ एसझेड जाफरी
एलर्जी एन्ड चेस्ट स्पेशलिस्ट, इंदौर
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