
नई दिल्ली। अफगानिस्तान (Afghanistan) के विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी (Mawlawi Amir Khan Muttaqi) गुरुवार को अपने छह दिनों के भारत दौरे (India Tour) पर नई दिल्ली पहुंचे। तालिबान (Taliban) के अफगानिस्तान की सत्ता में आने के बाद ये पहली बार है कि कोई अफगान विदेश मंत्री ने भारत का दौरा किया है। इस दौरान मुत्ताकी विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के साथ वे अहम बैठकें करेंगे।
दरअसल, मुत्ताकी को पहले पिछले महीने भारत आना था, लेकिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) की तरफ से लगाए गए यात्रा प्रतिबंध के कारण दौरा रद्द करना पड़ा था। हालांकि, यूएनएससी ने बीते 30 सितंबर को मुत्ताकी को नौ से 16 अक्तूबर तक भारत यात्रा के लिए अस्थायी छूट दे दी, जिसके बाद उनका भारत दौरा संभव हुआ।
मुत्ताकी के भारत पहुंचने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर उनका स्वागत किया। जायसवाल ने अपने पोस्ट में कहा कि नई दिल्ली पहुंचने पर अफगान विदेश मंत्री मौलवी अमीर खान मुत्ताकी का हार्दिक स्वागत। हम द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय मुद्दों पर रचनात्मक चर्चा की उम्मीद कर रहे हैं। मुत्ताकी अपने दौरे के दौरान दारुल उलूम देवबंद और आगरा के ताजमहल का भी दौरा करेंगे।
बता दें कि अफगान विदेश मंत्री का ये भारत दौरा कई मायनों में खास माना जा रहा है। कारण है कि यह यात्रा भारत और तालिबान शासन के बीच रिश्तों में एक नया अध्याय जोड़ सकती है। भारत ने अब तक तालिबान सरकार को आधिकारिक मान्यता नहीं दी है और बार-बार अफगानिस्तान में एक समावेशी सरकार बनाने की अपील की है। साथ ही भारत यह भी दोहराता रहा है कि अफगान भूमि का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ आतंकवाद के लिए नहीं होना चाहिए।
इससे पहले 15 मई को विदेश मंत्री जयशंकर और मुत्ताकी के बीच फोन पर बातचीत भी हुई थी, जो तालिबान शासन के बाद भारत और अफगानिस्तान के बीच सबसे उच्च स्तरीय संपर्क माना गया। जनवरी में तालिबान सरकार ने भारत को एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और आर्थिक शक्ति बताया था, जब मुत्ताकी और भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री के बीच बातचीत हुई थी
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