
वाशिंगटन। अमेरिका (America) के साथी देशों ब्रिटेन (Britain), ऑस्ट्रेलिया (Australia) और कनाडा (Canada) के बाद अब फ्रांस (France) ने ट्रंप की सलाह को किनारे करते हुए फिलिस्तीनी राष्ट्र् को मान्यता दे दी है। सोमवार को संयुक्त राष्ट्र में इजरायली और फिलिस्तीनी क्षेत्र के द्वि-राष्ट्रीय और शांति पूर्ण समाधान के लिए बुलाई गई बैठक के दौरान फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों (French President Macron) ने फिलिस्तीन राष्ट्र को औपचारिक मान्यता देने की घोषणा की। अपने संबोधन में फ्रांसीसी नेता ने कहा कि पेरिस का फिलिस्तीन को मान्यता देने का निर्णय ‘हमास की हार’ है। इस बैठक के दौरान संयुक्त राष्ट्र का पूरा हॉल भरा हुआ था, केवल अमेरिका और इजरायल के प्रतिनिधि वहां पर मौजूद नहीं थे।
फ्रांस के राष्ट्रपति द्वारा फिलिस्तीनी राष्ट्र को मान्यता देने की घोषणा के बाद ही वहां पर मौजूद फिलिस्तीनी दल ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया। इससे पहले मैक्रों ने कहा, “मध्य पूर्व के प्रति, इजराइलियों और फिलिस्तीनियों के बीच शांति के प्रति मेरे देश की ऐतिहासिक प्रतिबद्धता है। उसी के अनुरूप मैं आज यह घोषणा करता हूं कि फ्रांस फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देता है।”
गौरतलब है कि फ्रांस की यह घोषणा मैक्रों द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीन को मान्यता देने की पेरिस घोषणा के एक महीने बाद आई है। फ्रांस की घोषणा के पहले यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और पुर्तगाल ने भी रविवार को फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता दे दी है। अमेरिका के साथी इन सभी देशों ने फिलिस्तीन को मान्यता ऐसे समय में दी है, जब इजरायल लगातार गाजा क्षेत्र में बम बरसा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय लगातार इजरायल पर दवाब बनाकर युद्धविराम के लिए कह रहा है।
आपको बता दें फ्रांस द्वारा की गई यह घोषणा इसलिए भी और महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी ब्रिटेन यात्रा के दौरान वहां के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से फिलिस्तीन को मान्यता देने की योजना पर विचार करने के के लिए कहा था। हालांकि स्टार्मर ने अपनी योजना पर अमल किया और ट्रंप की सलाह को दरकिनार करके फिलिस्तीन की मान्यता दे दी। अब फ्रांस ने भी इसे मान्यता देकर अपना रुख साफ कर दिया है। इससे पहले यूरोपीय देशों द्वारा लगातार फिलिस्तीन को मान्यता देने से इजरायल ने भी अपना नाराजगी भरा रुख जाहिर किया था। इजरायली पीएम नेतन्याहू ने नाराजगी भरे लहजे में कहा था कि इन देशों द्वारा फिलिस्तीन को राज्य का दर्जा देना हमास को हिंसा का इनाम देने जैसा है।
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