इस्लामाबाद (islamabad)। पाकिस्तान ने देश में भर में बढ़ रही बगावत और आतंकवाद को खत्म करने के लिए सैन्य अभियान चलाने का फैसला किया है। शनिवार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Prime Minister Shahbaz Sharif) की अध्यक्षता में नेशनल एक्शन प्लान (National Action Plan) की शीर्ष कमेटी ने ‘ऑपरेशन अज्म-ए-इस्तेहकाम’ को मंजूरी दे दी।
इस्लामाबाद में हुई बैठक में उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार, गृह मंत्री मोहसिन नकवी, कानून मंत्री और सूचना मंत्री जैसे संघीय कैबिनेट के सदस्य शामिल हुए। बैठक में पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर, सभी राज्यों और कब्जे वाले गिलगिट-बाल्टिस्टान के मुख्यमंत्री के अलावा वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में राष्ट्रीय सहमति और व्यापक समन्वय के आधार पर एक नए आतंकवाद विरोधी अभियान की जरूरत पर जोर दिया गया।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ऑपरेशन अज्म-ए-इस्तेहकम के माध्यम से राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी अभियान को फिर से सक्रिय करने को मंजूरी दी है। यह अभियान गिलगिट-बाल्टिस्टान और कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के साथ ही पाकिस्तान के सभी राज्यों में चलाया जाएगा। इसके पहले परवेज मुशर्रफ के सैन्य शासन के दौरान पाकिस्तानी सेना ने ऑपरेशन जर्ब-ए-अज्ब नाम से तहरीक-ए-तालिबान समेत विभिन्न आतंकवादी समूहों के खिलाफ सशस्त्र अभियान चलाया था।
पाकिस्तान ने भले ही इसे देश की जंग बताया है लेकिन असल बात तो यह है कि उसने यह फैसला चीन के दबाव में लिया है। चीन लगातार चरमपंथ के खिलाफ अभियान चलाने को लेकर पाकिस्तान के ऊपर दबाव बनाए हुए था। एक दिन पहले ही चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग के मंत्री लियु जियानचाओ ने इस्लामाबाद में पाकिस्तान के राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक की थी, जिसमें शहबाज सरकार को चरमपंथ को लेकर फटकार लगाई थी। चीनी राजनेता ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर से अलग मुलाकात की थी। इन बैठकों के एक दिन बाद ही पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाने को मंजूरी दे दी है। पाकिस्तान में बीते मार्च महीने के दौरान दासू में एक आतंकी हमले में पांच चीनी इंजीनियरों की मौत हो गई थी, जिसके बाद से ही चीन पाकिस्तान पर भड़का हुआ था।
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