
सोने-चांदी की कीमतों में आए उछाल के बाद बिना बिल का कारोबार बढ़ा, तीन संस्थाओं पर शनिवार को की थी बड़ी कार्रवाई
इंदौर। अभी कुछ दिनों पूर्व सियागंज (East Siyaganj) सहित अन्य क्षेत्रों में स्टेट जीएसटी (State GST) ने बड़े ड्रायफ्रूट्स (dry fruits) और किराना कारोबारियों (Grocery traders) के एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थी। उसके बाद अभी शनिवार को सराफा में तीन संस्थाओं पर जीएसटी छापे डाले गए, जिसके चलते पूरे बाजार में घबराहट फैल गई और छापे की कार्रवाई के दौरान भी कई दुकान और शोरूम व्यापारियों ने बंद भी कर दिए। विभाग का मानना है कि सोने-चांदी की कीमतों में जो लगातार उछाल आ रहा है, जिसके चलते बिना बिल का कारोबार बढ़ गया है। 15 से अधिक अधिकारियों की टीम ने उक्त कार्रवाई की, जिसमें एंटी इवेजन विंग की भूमिका प्रमुख रही।
कुछ व्यापारी तो छापे के भय से दुकानें बंद कर भाग खड़े हुए, तो अन्य में भी घबराहट फैल गई, क्योंकि सराफा में भी बिना बिल का कारोबार होता ही है और अभी चूंकि सोना-चांदी की कीमतें बढ़ गई, इसलिए टैक्स बचाने के लिए कम बिल में भी कारोबार किया जाता है। सोने-चांदी के मूल्य पर तो 3 फीसदी जीएसटी लगता है, मगर इनसे जो ज्वेलरी बनती है, उसका जो मैकिंग चार्ज यानी बनाने का खर्चा लिया जाता है उस पर 5 फीसदी जीएसटी देय रहता है। अभी बीते सालभर से सोने-चांदी की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी होती रही, जिसके चलते जीएसटी विभाग का अनुमान है कि बिना बिल का कारोबार बढ़ गया, क्योंकि कई लोग सोने-चांदी की खरीदी दो नम्बर में भी करते हैं और बिल नहीं लेते। विभाग ने सराफा में श्रीमाल ज्वेलर्स, राजेन्द्र मल, जीवी आर्नामेंट पर जांच-पड़ताल की है। सूत्रों का कहना है कि स्टॉक के मिलान,मूल्यांकन के अलावा बही खातों और अन्य कागजातों की जांच-पड़ताल भी की गई। वहीं कुछ कच्चे बिल भी विभाग के हाथ लगे हैं। दरअसल, सराफा में कई व्यापारी कच्ची पर्चियों पर सोने-चांदी का कारोबार करते हैं। लिहाजा जब इन तीन संस्थाओं पर जीएसटी छापे पड़े तो इसकी खबर तेजी से पूरे बाजार में फैल गई और एमजी रोड के जो बड़े-बड़े भव्य शोरूम हैं, उनके व्यापारी भी घबराहट में आ गई। इसका असर कल रविवार को भी नजर आया, क्योंकि कुछ प्रतिष्ठान रविवार के दिन भी कामकाज करते हैं, ताकि बाहर से आने वाले ग्राहक या स्थानीय लोग छुट्टी के दिन भी खरीददारी करने आते हैं। मगर कल अधिकांश दुकानें डर के मारे बंद ही रही। यह भी उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों रियल इस्टेट कारोबारियों के खिलाफ भी जीएसटी ने कार्रवाई की थी और उसके पहले 8 फर्मों को सील किया गया था, जो ड्रायफ्रूट्स कारोबार में संलग्र रही। सियागंज, मारोठिया, धार रोड सहित कई कारोबारियों के ठिकानों पर जीएसटी ने छापे मारे थे। वहीं शहर के पब-बारों पर भी कार्रवाई की गई और तीन करोड़ रुपए से अधिक का टैक्स मौके पर जमा भी करवाया गया, जिसमें कुछ बिल्डर समूह भी शामिल रहे।
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