
डेस्क: पिछले 15 महीनों चले गाजा युद्ध के एक बार फिर शुरू होने की संभावना बढ़ गई है. इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को धमकी दी कि अगर हमास शनिवार को उसके तीन बंधकों को रिहा नहीं करता है, तो इजराइली सेना गाजा पट्टी में फिर से लड़ाई शुरू कर देगी. कुछ ऐसी ही धमकी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी दी हैं.
जहां अरब के सारे देश इन बयानों पर खुलकर बोलने से बच रहे हैं, वहीं हूती के नेता सैयद अब्दुल मलिक अल-हूती ने सख्त चेतावनी दी है. यमन के हूती संगठन के नेता अब्दुल मलिक ने मंगलवार को कहा, “हम गाजा में इजराइली हमले का मुकाबला करने के लिए सैन्य हस्तक्षेप के लिए तैयार हैं.” अब्दुल मलिक की धमकी से साफ जाहिर हो गया है कि इजराइल ने अगर सीजफायर तोड़ा तो हूती फिर से अपने हमले शुरू कर देंगे. हूती ने फिलिस्तीनी लोगों के लिए सैन्य, मीडिया और राजनीतिक समर्थन के सिद्धांत पर जोर दिया है.
यमन के बारे में अब्दुल मलिक ने कहा कि अमेरिकी यमन को नष्ट करना चाहते हैं और अपने हितों को पूरा करने के लिए इस पर कंट्रोल करना चाहते हैं. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “इस क्षेत्र में अमेरिकी एजंडा विनाशकारी और विनाशकारी है.” उन्होंने कहा कि अमेरिका अरब और इस्लामी दुनिया को लालच और आक्रोश के साथ संभालता है.
उन्होंने जोर देकर कहा कि राजधानी सना से अमेरिकी मरीन का भागना देश को नियंत्रित करने में अमेरिका की विफलता के बराबर है, उन्होंने ये भी कहा कि सऊदी के मक्का और मदीना पर हावी होना ज़ायोनी परियोजना का हिस्सा है, जिसे चरणों में पूरा किया जा रहा है.
हूती नेता ने ट्रंप के गाजा पर अमेरिकी प्लान और गाजावासियों को दूसरी जगह बसाने की मंशा पर कहा कि ये ट्रंप का एक बेवकूफी भरा सपना हैं. 15 साल के हमलों को झेलने के बाद भी गाजावासी वहां मौजूद हैं, ऐसे में ट्रंप का ये सोचना के वह अपनी जगह छोड़ देंगे एक बेवकूफी है.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved