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ढाई करोड़ के नुकसान के बाद अब बीआरटीएस के यूनिपोल के नए टेंडर जारी

November 25, 2025

  • करोड़ों के घाटे में चलने के बाद भी नहीं है कमाई के काम की चिंता

इंदौर। करोड़ों रुपए के घाटे में चल रही इंदौर की सिटी बस कंपनी के कामकाज में किस तरह की लापरवाही बरती जा रही है इसके उदाहरण सामने आते रहे हैं। अब जो ताजा मामला प्रकाश में आया है उसके अनुसार सिटी बस कंपनी के अधिकारियों ने तोड़े जा रहे बीआरटीएस के यूनिपोल के टेंडर अब जाकर जारी किए हैं, जब बस कंपनी को ढाई करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है।

इंदौर की सिटी बस कंपनी को एक आदर्श स्थिति में चालू किया गया था। इस बस कंपनी के लिए इस तरह की व्यवस्था को आकार दिया गया था, जिससे बस का संचालन भी नियमित रूप से बराबर हो सके और बस कंपनी को पर्याप्त आय भी अर्जित हो सके। इस बस कंपनी को बहुत सारे काम में खर्चा करने की जरूरत पड़ती है तो उस खर्च को कभी इंदौर नगर निगम तो कभी इंदौर विकास प्राधिकरण अपने ऊपर ले लेता है और बस कंपनी को राहत देता है। इस पूरे कार्य के पीछे मकसद यही रहता है कि इंदौर के नागरिकों को कम खर्च वाला एक अच्छा लोक परिवहन उपलब्ध हो सके। इस सिटी बस कंपनी के संचालक मंडल के अध्यक्ष महापौर स्वयं हैं। इस संचालक मंडल में इंदौर नगर निगम के आयुक्त, इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष, मुख्य कार्यपालन अधिकारी भी शामिल हैं। इसके बावजूद बस कंपनी के संचालन में गंभीर किस्म की अनियमितताएं हो रही हैं। अनियमितताएं कितनी ज्यादा और किस कदर हो रही हैं इसका अंदाजा ताजा मामले से लगाया जा सकता है। राज्य सरकार द्वारा फरवरी महीने में इंदौर के 12 किलोमीटर लंबे बीआरटीएस कॉरिडोर को तोडऩे का फैसला लिया गया।


सात माह गुजर गए विज्ञापन ठेकों की कमाई डुबाए हुए
इस कॉरिडोर पर सिटी बस कंपनी द्वारा लगाए गए 27 यूनिपोल हैं। बस कंपनी द्वारा उक्त यूनिपोल पर विज्ञापन के प्रदर्शन का ठेका एनएस को दिया हुआ था। इस कंपनी को जो ठेका दिया गया था उसमें 7 महीने का किराया माफ करते हुए इतनी अवधि का एक्सटेंशन कर दिया गया था। यह मामला विवादित हो गया, जिसके चलते मार्च 2025 में सिटी बस कंपनी द्वारा इस टेंडर को समाप्त कर दिया गया। जिस समय यह टेंडर समाप्त किया गया उस समय इस कंपनी द्वारा बीआरटीएस कॉरिडोर में लगे यूनिपोल पर विज्ञापन का प्रदर्शन करने के एवज में सिटी बस कंपनी को 100 प्रति वर्गफीट प्रतिमाह की राशि दी जा रही थी। बीआरटीएस कॉरिडोर में कुल 27 यूनिपोल पर विज्ञापन के प्रदर्शन के लिए 33000 स्क्वेयर फीट का क्षेत्र है। इस क्षेत्र के लिए 33 लाख रुपए प्रतिमाह किराए के रूप में सिटी बस कंपनी को दिए जा रहे थे।

बस कंपनी के अधिकारियों द्वारा मार्च में यह ठेका समाप्त करने के बाद से उक्त यूनिपोल को वापस किराए पर देने का कोई टेंडर ही जारी नहीं किया गया। धीरे-धीरे 7 महीने का समय गुजर गया। उसके बाद जाकर आठवें महीने में सिटी बस कंपनी द्वारा इन सभी यूनिपोल को प्रचार सामग्री के प्रदर्शन के लिए किराए पर देने का टेंडर जारी किया गया है। अभी यह टेंडर ऑनलाइन है। इस टेंडर में ऑफर भरने की अंतिम तारीख 27 नवंबर है। सिटी बस कंपनी द्वारा उक्त टेंडर जारी नहीं किए जाने के कारण अब तक 8 महीने के किराए का नुकसान हो चुका है। यह किराया करीब 2.64 करोड़ रुपए होता है। अब जब इतने ज्यादा किराए का नुकसान हो गया, तब जाकर सिटी बस कंपनी को यह टेंडर जारी करने की याद आई।

बीआरटीएस हटाने के साथ ही डिवाइडर भी लगे
जीपीओ से भाजपा कार्यालय तक नगर निगम ने बीआरटीएस हटने के बाद सीमेंटेड डिवाइडर भी लगा दिए गए हैं, ताकि हादसों की संभावना न रहे। बीते दिनों यहां आईबस सहित कार भी असमंजस में दूसरे वाहनों को बचाने के चक्कर में क्षतिग्रस्त हुई थी, जिसके बाद निगम ने ताबड़तोड़ ये डिवाइडर रखवाए। जैसे-जैसे बीआरटीएस टूटता जाएगा, वैसे-वैसे यह व्यवस्था आगे बढ़ती जाएगी।

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