
इंदौर। बीते अनेक वर्षों से वाहन चालकों को जहां हेलमेट पहनाए जा रहे हैं तो उसके साथ नम्बर प्लेटें बदलवाने का भी खेल चलता रहा। हाईसिक्योरिटी नम्बर प्लेट में हुए फर्जीवाड़े का खुलासा जहां अग्रिबाण ने किया तो वहीं अब नए सिरे से वाहनों की चेकिंग शुरू होगी, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में पिछले दिनों सभी राज्यों की जो रिपोर्ट प्रस्तुत हुई उसमें मध्यप्रदेश की स्थिति सबसे दयनीय पाई गई और अभी भी 25 लाख से अधिक वाहनों में ये हाईसिक्योरिटी नम्बर प्लेटें लगना शेष हैं, जिसके चलते अब हेलमेट के साथ-साथ नम्बर प्लेटों को लेकर भी चालानी कार्रवाई शुरू होगी। परिवहन विभाग के सचिव मनीष सिंह ने इस संबंध में कार्रवाई के लिए परिवहन आयुक्त सहित सभी आरटीओ को निर्देश दिए हैं।
जिस तरह अभी बिना हेलमेट पेट्रोल नहीं दिया जा रहा है, उसी तरह हाईसिक्योरिटी नम्बर प्लेट नहीं लगाने वाले वाहनों की भी कई तरह की सेवाएं बंद की जाएंगी, जिनमें डुप्लीकेट पंजीयन प्रमाण पत्र, पता बदलवाना, वाहन का मालिकाना हक किसी और को ट्रांसफर करना, फिटनेस प्रमाण-पत्र सहित अन्य सेवाओं पर रोक लगाई जाएगी। अभी सचिव सिंह ने परिवहन आयुक्त को जो पत्र लिखा है उसमें कहा गया है कि उसमें पीयूसी प्रमाण पत्र भी बिना हाईसिक्योरिटी नम्बर प्लेट के जारी नहीं किए जाएं। उल्लेखनीय है कि 1 अप्रैल 2019 के बाद रजिस्टर्ड हुए वाहनों में हाईसिक्योरिटी नम्बर प्लेटें डीलर के यहां से ही अनिवार्य लगवाना अनिवार्य किया गया है।
बावजूद इसके कई वाहन बिना हाईसिक्योरिटी नम्बर प्लेट के ही दौड़ रहे हैं और ऐसे वाहनों की संख्या इंदौर सहित प्रदेशभर में 25 लाख से अधिक बताई गई है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में जब सभी राज्यों की तुलनात्मक स्थिति प्रस्तुत की गई तो उसमें मध्यप्रदेश की हालत सबसे खराब निकली, जिसके चलते अब हाईसिक्योरिटी नम्बर प्लेटों को लेकर भी सख्ती शुरू की जा रही है। परिवहन विभाग ने एचएसआरपी प्लेट बदलने का कार्य आगामी 3 माह में पूर्ण करने के निर्देश जिला परिवहन अधिकारियों को दिए हैं। निर्देश में कहा गया है कि अपने जिले के समस्त डीलरों से निरंतर सम्पर्क में रहते हुए वाहनों में एचएसआरपी नम्बर प्लेट लगाई जाए। जिन वाहनों में एचएसआरपी नहीं है उन्हें पॉल्यूशन अंडरकंट्रोल सेंटर द्वारा प्रमाण पत्र, डुप्लीकेट पंजीकरण प्रमाण पत्र (आरसी) जारी करने, पंजीकरण प्रमाण पत्र में पता बदलना, शुल्क देकर आरसी विवरण देखना संभव नहीं हो सकेगा। साथ ही वाहनों के स्वामित्व बदलने, हाइपोथिकेशन जोडऩा और हटाना, नवीन-डुप्लीकेट परमिट जारी करना, परमिट का हस्तांतरण और नवीनीकरण, कराधान प्राधिकार के साथ अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करना और वाहन का पंजीयन निरस्तीकरण करना संभव नहीं हो सकेगा। निर्देश में कहा गया है कि वाहन की स्थायी-अस्थायी अनुज्ञाएं जारी करने, डुप्लीकेट फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने सहति अन्य सुविधाएं मोटर मालिकों को नहीं मिल सकेंगी।
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