
दौसा: राजस्थान (Rajasthan) के दौसा जिले (Dausa District) में धर्मांतरण (Regarding Conversion) को लेकर एक बार फिर बवाल खड़ा हो गया है. गणेशपुरा रोड पर स्थित अगापे फैलोशिप चर्च (Agape Fellowship Church) पर अवैध धर्म परिवर्तन (Religious Conversion) का आरोप लगाया गया है. हिंदू संगठनों (Hindu Organizations) का दावा है कि यहां हर रविवार को लोगों का ईसाई धर्म (Christianity) में जबरन धर्मांतरण कराया जाता है.
हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया है कि प्रेयर के नाम पर आने वाली महिलाओं से चूड़ियां उतरवाई जाती हैं, सिंदूर और मंगलसूत्र हटवाए जाते हैं, और फिर उन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए कहा जाता है. रविवार को जब चर्च में प्रेयर चल रही थी, तभी विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, आरएसएस और अन्य संगठनों के कार्यकर्ता चर्च के बाहर एकत्रित हो गए और जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी. ‘जय श्रीराम’ के नारों के साथ चर्च को सील करने और धर्मांतरण में लिप्त लोगों को गिरफ्तार करने की मांग की गई.
हंगामे की सूचना पर डीएसपी रवि प्रकाश शर्मा, कोतवाली पुलिस और जिला स्पेशल टीम मौके पर पहुंची. पुलिस ने लोगों को शांत कराया और चर्च में मौजूद लोगों से पूछताछ की. कुछ परिवारों को हिंदू संगठनों ने पुलिस को सौंपा है, जिनसे पूछताछ की जा रही है.
हिन्दू संगठनों का दावा है कि चर्च के पादरी के द्वारा पहले कुछ हिन्दू समाज में अच्छी पहचान रखने वालों का धर्म परिवर्तन कराया ओर फिर उनके माध्यम से गरीब और निचले तबके के लोगों को प्रलोभन देकर इस अगापे फैलोशिप चर्च में बुलाया जाता और प्रेयर कराई जाती. कुछ सप्ताह तो प्रेयर ही कराई जाती लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे हिंदू देवी देवताओं और भगवान में कोई शक्ति नहीं होती, यह कहकर लोगों का माइंड वॉश किया जाता था. फिर चर्च में ही एक गुप्त जगह पर ले जाया जाता और पानी में हाथ लगवाया जाता, चूड़ी उतरवाई जाती, सिंदूर व मंगलसूत्र भी हटवाया जाता, इसके बाद उन्हें बोला जाता कि आज से आप ईसाई बन गए.
चर्च के पादरी थॉमस जॉर्ज ने सभी आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि चर्च में पिछले 22 साल से प्रेयर चल रही है, लेकिन कभी भी किसी को जबरन या लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए नहीं बुलाया गया. हिंदू संगठनों का दावा है कि इस चर्च के माध्यम से पिछले कुछ वर्षों में 4 से 5 हजार लोगों का धर्मांतरण कराया गया है.
पुलिस का कहना है कि मामले में शिकायत मिल चुकी है और जांच जारी है. कुछ लोग पुलिस को अलग-अलग बयान देकर गुमराह करने की कोशिश भी कर रहे हैं. इस घटना के बाद हिंदू संगठनों ने सरकार से मांग की है कि राज्य में धर्मांतरण को रोकने के लिए सख्त कानून बनाए जाएं और उनकी सख्ती से पालना हो.
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