
लंदन। भारत (India) और ब्रिटेन (Britain) के बीच लंबे समय से प्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौता (Free Trade Agreement) पर पीएम मोदी (PM Modi) ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर (PM Keir Starmer) के साथ हस्ताक्षर किए हैं। इस दौरान ब्रिटिश प्रधानमंत्री स्टार्मर ने इसे ‘ऐतिहासिक करार’ बताया। आगे उन्होंने कहा कि यह समझौता दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगा, खासकर कामगारों, व्यापारियों और निवेशकों के लिए। वहीं, पीएम मोदी ने भी कहा कि आज हमारे संबंधों में एक ऐतिहासिक दिवस है। मुझे खुशी है कि कई वर्षों की मेहनत के बाद, आज दोनों देशों ने व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता संपन्न हुआ है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि यह समझौता व्यापार को आसान और सस्ता बनाएगा। इससे न केवल व्यापार की गति तेज होगी, बल्कि नौकरी के अवसर भी बढ़ेंगे। स्टार्मर ने कहा कि इस समझौते से ब्रिटेन में निवेश और निर्यात में करीब 6 अरब पाउंड की बढ़ोतरी हुई है। भारतीय कंपनियां ब्रिटेन में अपना विस्तार कर रही हैं और ब्रिटिश कंपनियों को भारत में नए व्यापार अवसर मिल रहे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एफटीए से भारत को सबसे ज्यादा फायदा निर्यात के क्षेत्र में होगा। समझौते के लागू होने के बाद भारत का निर्यात अगले कुछ वर्षों में 10 से 12 अरब डॉलर तक बढ़ सकता है। इसका मतलब है करीब 86 हजार करोड़ से 1.1 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यापारिक लाभ। इससे भारतीय मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर को भी मजबूती मिलेगी।
ब्रिटेन दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के संबंधों में आज ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने कहा कि वर्षों की मेहनत के बाद दोनों देशों ने समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते से व्यापार, निवेश और रणनीतिक सहयोग को नई दिशा मिलेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह करार दोनों देशों के नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाएगा और आर्थिक विकास को गति देगा।
एफटीए के तहत कई उत्पादों पर टैरिफ घटाए जाएंगे या पूरी तरह हटा दिए जाएंगे। इससे भारतीय कंपनियों को ब्रिटेन के बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने का मौका मिलेगा। खासकर टेक्सटाइल, फार्मा, ऑटो पार्ट्स और IT सेक्टर को इस समझौते से सीधा लाभ मिल सकता है। इससे भारत में रोजगार सृजन को भी बढ़ावा मिलेगा।
ब्रिटिश कंपनियों को भारत में कम लागत में निर्माण और सेवाओं का लाभ मिलेगा। साथ ही भारत में तेजी से बढ़ रही उपभोक्ता मांग को ध्यान में रखते हुए ब्रिटेन की कंपनियां नए बाजारों में प्रवेश कर सकेंगी। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार का संतुलन और निवेश प्रवाह बेहतर होगा
कीर स्टार्मर ने यह भी कहा कि यह करार सिर्फ व्यापार का नहीं, बल्कि भारत-ब्रिटेन संबंधों में एक नई शुरुआत है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ होने वाली बैठक को ‘रणनीतिक मोड़’ बताया और कहा कि इससे दोनों देशों की साझेदारी और गहरी होगी। यदि यह समझौता जल्द ही पारित होता है, तो आने वाले वर्षों में यह भारत-ब्रिटेन आर्थिक रिश्तों का मजबूत आधार बन सकता है।
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