देहरादून। उत्तराखंड के हर्षिल में आई बाढ़ के दौरान डीआईटी विवि (DIT University) के दो छात्र आलोक और अम्रतांश अपनी गाड़ी छोड़कर पैदल ही जान बचाकर भागे। देर रात दोनों सुरक्षित देहरादून पहुंच गए।
अम्रतांश के बड़े भाई एडवोकेट आदर्श कुमार ने बताया कि दोनों अपने दो अन्य दोस्तों के साथ गंगोत्री गए थे, लेकिन हर्षिल से थोड़ा आगे फंस गए। तेज बारिश और पानी के कारण वे आगे नहीं बढ़ सके। इसी बीच उनके सामने भूस्खलन शुरू हो गया। चारों ने समझदारी दिखाते हुए गाड़ी वहीं छोड़ दी और पैदल नीचे की ओर भागने लगे। करीब सात किलोमीटर चलने के बाद वे एक जगह रुके, लेकिन तब तक अंधेरा हो चुका था। जब उन्हें लगा कि जगह सुरक्षित है, तो वे पास के ही एक गांव में रुक गए। बुधवार तड़के वे आर्मी के संपर्क में आए, जिसके बाद उन्हें रेस्क्यू कर सुखी स्थित सेना के बेस कैंप लाया गया। वहां से शाम करीब चार बजे उन्हें चॉपर से उत्तरकाशी लाया गया। इसके बाद वे सेना के काफिले के साथ सड़क मार्ग से देहरादून रवाना किए गए।
आदर्श ने बताया कि दोनों रात करीब एक बजे के आसपास दून पहुंचे। चारों छात्र काफी सहमे हुए हैं। वहीं, डीआईटी विवि के चीफ प्रॉक्टर नवीन सिंघल ने बताया कि दोनों बीसीए फाइनल ईयर के छात्र हैं। उन्हें विश्वविद्यालय में बुलाया गया, ताकि आपदा से सहमे हुए छात्रों की काउंसिलिंग की जा सके।
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