मॉस्को। रूसी सेना के पूर्व डिप्टी चीफ ऑफ जनरल स्टाफ (General Staff) और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Putin) के करीबी माने जाने वाले जनरल खलील आर्सलानोव (General Khalil Arslanov) को 17 साल की सजा सुनाई गई है। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी TASS के मुताबिक, आर्सलानोव को रक्षा मंत्रालय से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट्स में 1.6 अरब रूबल (करीब 12.7 मिलियन डॉलर) के घोटाले का दोषी पाया गया है। इससे पहले सोमवार को पुतिन सरकार में परिवहन मंत्री रोमन स्टारोवॉयट ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। रूसी मीडिया के मुताबिक, कुछ घंटे पहले भ्रष्टाचार के आरोप में उन्हें पद से बर्खास्त किया गया था।
12 मिलियन की घूस में दोषी
जानकारी के अनुसार, मॉस्को के एक मिलिट्री कोर्ट में बंद दरवाजों के पीछे हुई सुनवाई में आर्सलानोव और उनके सहयोगियों पर यह साबित हुआ कि उन्होंने Voentelecom नामक कंपनी के साथ फर्जीवाड़ा कर करोड़ों की सरकारी रकम हड़पी। यह कंपनी रूसी सेना के लिए टेलीकॉम उपकरण और सेवाएं मुहैया कराती है।
इतना ही नहीं, कोर्ट ने आर्सलानोव को 12 मिलियन रूबल की घूस मांगने के एक अलग मामले में भी दोषी करार दिया। यह घूस एक सैन्य संचार कंपनी के प्रमुख से मांगी गई थी।
इस मामले में कर्नल पावेल कुताखोव को 7 साल और इगोर याकोवलेव नामक पूर्व सैन्य अधिकारी को 6 साल की जेल हुई है।
2013 से शीर्ष पद पर थे आर्सलानोव
आर्सलानोव ने 2013 से 2020 तक रूसी जनरल स्टाफ में डिप्टी चीफ के रूप में काम किया। 2017 में उन्हें कर्नल जनरल की उपाधि दी गई थी। वह रूस की सैन्य संचार इकाई के प्रमुख भी रह चुके हैं।
सवालों के घेरे में पुतिन की सैन्य मशीनरी
पिछले एक साल में रूसी सेना के उच्च अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आए हैं। इसी महीने पूर्व डिप्टी डिफेंस मिनिस्टर तैमूर इवानोव को भी 13 साल की सजा दी गई थी। यह पुतिन शासन में अब तक का सबसे बड़ा एंटी-करप्शन ड्राइव माना जा रहा है। लगातार हो रहे ये खुलासे पुतिन की सैन्य मशीनरी की साख पर सवाल खड़े कर रहे हैं, खासकर यूक्रेन युद्ध के बीच जब सेना को एकजुट और सशक्त दिखाने की कोशिश की जा रही है।
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