
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र (Public sector) के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India), केनरा बैंक ( Canara Bank ) और इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) ने कर्ज पर लगने वाले ब्याज दर में 0.5 प्रतिशत की कटौती की है। भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के रेपो रेट (Repo rate) में कटौती के बाद बैंकों ने यह कदम उठाया है। बता दें कि आरबीआई ने पिछले सप्ताह रेपो रेट को 0.5 प्रतिशत घटाकर 5.5 प्रतिशत कर दिया था। इसके साथ ही नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) एक प्रतिशत कम कर तीन प्रतिशत करने की घोषणा की।
यूनियन बैंक ने कितनी की कटौती?
यूनियन बैंक ने कहा कि बाह्य मानक आधारित ब्याज दर (ईबीएलआर) और रेपो आधारित ब्याज दर (आरएलएलआर) में 0.5 प्रतिशत की कटौती की गयी है। इस कटौती के साथ यूनियन बैंक ने हाल में आरबीआई के रेपो दर में कटौती के अनुरूप ईबीएलआर और आरएलएलआर से जुड़े कर्ज के लिए ब्याज दर में कमी कर दी है।
इंडियन ओवरसीज बैंक ने कितनी की कटौती?
इसी तरह, इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) ने कहा कि बैंक की संपत्ति देनदारी प्रबंधन समिति (एएलसीओ) की बैठक में रेपो आधारित कर्ज पर देय ब्याज में 0.5 प्रतिशत की कटौती का निर्णय किया गया है। इस कटौती के बाद आरएलएलआर कम होकर 8.35 प्रतिशत हो गयी है जो पहले 8.85 प्रतिशत थी।
केनरा बैंक ने भी की कटौती
इसी तरह, केनरा बैंक ने भी रेपो आधारित ब्याज दर में 0.50 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की है। बैंक के अनुसार, इस कटौती से रेपो आधारित ब्याज दर 8.75 प्रतिशत से घटकर 8.25 प्रतिशत पर आ गयी है। नयी दर बुधवार से लागू होगी। बैंकों के इस कदम से रेपो आधारित ब्याज से जुड़े कर्ज सस्ते होंगे। इससे आवास, वाहन, व्यक्तिगत कर्ज लेने वाले नये और मौजूदा खुदरा ग्राहकों के अलावा एमएसएमई कर्जदारों को लाभ होगा।
बैंक ऑफ बड़ौदा का फैसला
इससे पहले बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने आरएलएलआर पर 0.50 प्रतिशत की कटौती की थी। वहीं, निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक ने अपनी कोष की सीमांत लागत आधारित उधार दर (एमसीएलआर) में अलग-अलग अवधियों में 0.10 प्रतिशत की कटौती की है, जिससे उन उधारकर्ताओं को लाभ होगा जिनके ऋण इस बेंचमार्क से जुड़े हैं।
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