
नई दिल्ली। रेपो दर (Repo Rate) मे करीब पांच साल में पहली बार कटौती के बाद होम लोन (Home Loan) की मासिक किस्त (ईएमआई) (Monthly Installment (EMI) चुका रहे लोग ब्याज दरें घटने की उम्मीद (Interest rates decline expected) कर सकते हैं। फ्लोटिंग दर पर होम लोन लेने वालों को रेपो दर में कटौती का लाभ ऑटोमेटिक मिल जाता है, जबकि अन्य उधारकर्ताओं को राहत पाने के लिए अपने कर्जदाता से बातचीत करनी पड़ सकती है। आरबीआई (RBI) के इस फैसले के बाद बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान भी कर्ज की ब्याज दरें घटाएंगे, जिससे ईएमआई का बोझ कम हो सकता है। प्रमुख नीतिगत दर में कमी उन लोगों के लिए भी फायदेमंद होगी, जो नया घर खरीदना चाहते हैं।
मौजूदा उधारकर्ताओं के लिए…
फिक्स्ड या फ्लोटिंग दर : 90 फीसदी से ज्यादा लोगों ने फ्लोटिंग दर पर होम लोन लिया है, जिस पर रेपो दर में बदलाव का सीधा असर पड़ता है। हालांकि, फिक्स्ड दर वाले कर्ज की ईएमआई पर इसका असर नहीं दिखेगा। अगर आपने भी फिक्स्ड दर पर होम लोन लिया है, तो बाजार की स्थितियों और बची कर्ज अवधि का मूल्यांकन कर फ्लोटिंग दर का विकल्प चुन सकते हैं।
बैंक या एनबीएफसी से कर्ज :
बैंक से फ्लोटिंग दर पर कर्ज लिया है, तो रेपो रेट में कटौती का लाभ एक निश्चित अवधि से आपको मिलने लगता है। दूसरी ओर, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) इसका लाभ देने के लिए प्रोसेसिंग शुल्क ले सकती हैं। आपको कटौती का पूरा लाभ मिले, इसके लिए अपने ऋणदाता से संपर्क कर सकते हैं।
2019 से पहले या बाद के कर्ज :
अक्तूबर, 2019 के बाद फ्लोटिंग रेट पर कर्ज लेने वालों के पास रेपो-लिंक्ड लोन है, जिन्हें एक तिमाही में दरों में कटौती का लाभ मिल जाता है। 2019 से पहले के उधारकर्ताओं के पास एमसीएलआर-लिंक्ड लोन हैं, जहां दरें हर 6-12 माह में बदलती हैं। अगर आप बाद की श्रेणी में आते हैं, तो यह पता करें कि आपकी कर्ज की दर कब बदलेगी और कितनी बचत होगी।
करा सकते हैं रिफाइनेंसिंग
अगर आपकी वर्तमान ब्याज दर नए रेट से 0.50 फीसदी या उससे अधिक है और आपके पास ऋण अवधि का आधा से अधिक समय बचा है, तो रिफाइनेंसिंग पर विचार करें। आप या तो वर्तमान बैंक के साथ रेपो-लिंक्ड कर्ज का विकल्प चुन सकते हैं या अपने ऋण को बेहतर शर्तों की पेशकश करने वाले किसी अन्य कर्जदाता के पास ट्रांसफर करा सकते हैं। ट्रांसफर लागत कर्ज राशि की करीब एक फीसदी होती है।
रिफाइनेंसिंग का विकल्प आपके वित्तीय लक्ष्यों के आधार पर ईएमआई का बोझ घटाने या ऋण अवधि को कम करने में मदद कर सकता है।
नया कर्ज लेने वालों के लिए अच्छा मौका
होम लोन की दरें जो पहले 8.30-8.50 फीसदी के आसपास थीं, रेपो दर में कटौती के बाद कम हो जाएंगी। इससे स्थिर आय और 750 से अधिक क्रेडिट स्कोर वाले उधारकर्ताओं को सबसे कम ब्याज पर कर्ज मिलने की संभावना है। महिलाओं, सरकारी कर्मचारियों और प्रीमियम प्रॉपर्टी खरीदारों को भी सस्ती दरों पर कर्ज मिल सकता है। यह बैंकों के ऑफर की तुलना कर नया घर खरीदने वालों के लिए अच्छा मौका है।
—आदिल शेट्टी, सीईओ, बैंक बाजार
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