उज्जैन। राज्य शासन द्वारा 21 सितंबर से कक्षा 9 से 12 तक की कक्षाएं दिए गए प्रोटोकाल के अनुसार प्रारंभ करने की एसओपी जारी कर दी है। एसओपी जारी हुए तीन दिन हो चुके हैं। अब अभिभावक स्कूलों में फोन लगाकर पूछ रहे हैं कि उनके बच्चों को 21 सितंबर को किस समय पढऩे के लिए भेजें ? इस मामले में अभी तक प्राइवेट और सरकारी स्कूलों ने चुप्पी साध रखी है। प्राइवेट स्कूल के संचालक जहां अपने मैनेजमेंट का मुंह ताक रहे हैं वहीं सरकारी स्कूलों के प्राचार्य जिला शिक्षा विभाग के आदेश का इंतजार कर रहे हैं।
लम्बी उहापोह के बाद कक्षा 9 से 12 तक की कक्षाएं प्रारंभ करने की एसओपी राज्य शासन ने जारी कर दी है, हालांकि विद्यार्थियों को स्कूल आकर पढऩे या ऑन लाइन पढऩे का स्वैच्छिक विकल्प दिया गया है। बावजूद इसके चर्चा में अनेक अभिभावकों का कहना है कि कक्षा 9 से 12 तक की पढ़ाई ऑनलाइन नहीं हो सकती, स्कूल भेजना ही होगा। तर्क देते हैं कि विषयगत समस्याओं का निदान तो हो ही नहीं पाता है। शिक्षक पढ़ाते हैं और बच्चे सुनते हैं,इतना ही हो रहा है, चूंकि ये कक्षाएं भविष्य तय करेंगी,अत: स्कूल के संदेशे का इंतजार है कि वहां से टाईम टेबल जारी हो और वे अपने बच्चों को पढऩे भेजें।
इस संबंध में सहायक संचालक शिक्षा अभयसिंह तोमर का कहना है कि निजी स्कूलों को एसओपी का पालन करते हुए अपने स्तर पर निर्णय लेना है कि 21 सितंबर से किस प्रकार से कक्षाएं लगाएंगे। रही बात सरकारी स्कूलों की तो एसओपी में कहा गया है कि सरकारी स्कूलों को अलग से निर्देश प्रसारित होंगे। अत: भोपाल से ऐसे निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है। हमने शा.स्कूल के प्राचार्यो को कह दिया है कि वे अपने टाईम टेबल तैयार करें और एसओपी का पालन करते हुए कैसे पढ़ाएंगे, बताएं। ताकि समय पूर्व विद्यार्थियों तक जानकारी पहुंच जाए।
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