
उज्जैन: प्रयागराज में महाकुंभ (Maha Kumbh in Prayagraj) मेले में उमड़ रही भीड़ और भगदड़ की घटना के बाद मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) सिंहस्थ 2028 (Simhastha 2028) की तैयारी को लेकर और भी ज्यादा गंभीर दिखाई दे रही है. अपर मुख्य सचिव भ्रमण पर निकले तो उनके साथ उज्जैन के सभी प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे.
मध्य प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा ने दो दिनों से उज्जैन में डेरा डाल रखा है. वे खुद सिंहस्थ की तैयारी को लेकर मैराथन बैठक ले रहे हैं और धरातल पर जाकर तैयारी का जायजा भी ले रहे हैं.
दरअसल मध्य प्रदेश में साल 2028 में सिंहस्थ का मेला लगने वाला है. इसे लेकर मध्य प्रदेश सरकार बड़े पैमाने पर तैयारी करने का दावा भी कर रही है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने हाल ही में 591 करोड़ की शिप्रा शुद्धिकरण योजना को हरी झंडी दी है. इसके अलावा सरकार 29 किलोमीटर लंबे घाट भी बना रही है.
इतना ही नहीं साधु संतों के लिए भी स्थायी आश्रम बनाने की अनुमति सरकार द्वारा देने का वादा किया गया है. इन सब के बीच अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा ने दो दिन से उज्जैन में डेरा डाल रखा है.
उन्होंने रविवार को सिंहस्थ 2028 की तैयारी को लेकर मैराथन बैठक ली. इसके अलावा अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किए. डॉक्टर राजोरा खुद प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ सोमवार को महाकालेश्वर मंदिर रामघाट सहित अन्य मेला क्षेत्र में व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए निकले. इसके अलावा उन्होंने कार्य की गति को भी देखा.
मध्य प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिए हैं कि सिंहस्थ 2028 की तैयारी को लेकर साल 2027 के अंतिम दिनों तक सभी निर्माण कार्य खत्म हो जाना चाहिए. इसके अलावा निर्माण कार्य की गुणवत्ता और समय दोनों की मॉनिटरिंग करने के निर्देश उनके द्वारा दिए गए हैं.
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