
इंफाल (Imphal)। मणिपुर (Manipur) में करीब 20 दिन की शांति के बाद एक बार फिर से सोमवार को हिंसक घटनाएं (violent incidents) हुईं। जिसके बाद मंगलवार को राज्य में तनावपूर्ण शांति (violence situation) बनी हुई है। बता दें कि राज्य में आरक्षण की मांग को लेकर 3 मई को जातीय हिंसा हुई थी। इस हिंसा में करीब 70 लोगों की मौत (people died) हो गई थी और बड़ी संख्या में घरों में आग लगा दी गई थी। इसके बाद बीते कई दिनों से राज्य में शांति थी और लग रहा था कि हालात धीरे धीरे काबू में आ रहे हैं लेकिन सोमवार को राज्य में फिर से कुछ जगहों पर हिंसा भड़क गई।
बाजार रहे बंद और सुरक्षाबल कर रहे गश्त
सोमवार की हिंसा के बाद मंगलवार को इंफाल की पूर्वी जिले में अधिकतर बाजार बंद रहे। सुरक्षा बल के जवान सड़कों पर गश्त कर रहे हैं और लोगों को उनके घरों में ही रहने की हिदायत दी जा रही है। बता दें कि इसी इलाके में सोमवार को हिंसा भड़की थी, जब लोगों की भीड़ ने दो घरों में आग लगा दी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चार हथियारबंद लोगों ने, जिनमें एक पूर्व विधायक भी शामिल थे, पूर्वी इंफाल में जबरन बाजार बंद कराने की कोशिश की, जिसके बाद लोग नाराज हो गए और हिंसा भड़क गई।
लोगों ने बनाए बंकर
स्थानीय लोग हथियारों के साथ अपने-अपने आवासीय इलाकों की पहरेदारी कर रहे हैं ताकि किसी भी तरह के हमले को रोका जा सके। कुछ जगहों पर स्थानीय लोगों ने बंकरनुमा ढांचे बना लिए हैं। हालांकि सुरक्षा बल ऐसे बंकरनुमा ढांचों को ध्वस्त कर रहे हैं। पूर्वी और पश्चिमी इंफाल में ऐसे बंकरनुमा ढांचे मिले हैं। मणिपुर में मैती समुदाय जनजातीय आरक्षण की मांग कर रहा है, जिसके खिलाफ नगा और कुकी जनजाति के लोगों द्वारा विरोध किया जा रहा है। इसी के चलते हिंसा हो रही है। मणिपुर में अवैध घुसपैठियों को भी निकालने की मांग हो रही है। जगह-जगह कर्फ्यू लगा हुआ है और उसमें कुछ घंटे की छूट दी जा रही है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved