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कीचड़ में उतरे कृषि मंत्री शिवराज, बाकी नेताओं को भी उतरना पड़ा

February 23, 2025

नई दिल्ली। बिहार में मखाना खेती (Makhana cultivation in Bihar) को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan) रविवार को राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र दरभंगा पहुंचे। जहां उन्होंने न केवल किसानों के साथ संवाद किया बल्कि स्वयं मिथिला की पारंपरिक वेशभूषा धोती-कुर्ता पहनकर मखाना की बीज बोआई भी की। इस दौरान किसानों की समस्याओं को सुना और समाधान का भरोसा भी दिलाया।

केंद्रीय मंत्री चौहान ने मखाना अनुसंधान केंद्र के तालाब में उतरकर किसानों के साथ मखाना के बीज डाले और इसकी खेती के विभिन्न पहलुओं की जानकारी ली। उन्होंने किसानों से उत्पादन, लागत, मेहनत और बाजार मूल्य को लेकर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने माना कि मखाना बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण ‘सुपर फूड’ है, जिसके उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार करने के लिए मखाना बोर्ड का गठन जरूरी है।


किसान पंचायत के दौरान प्रेसवार्ता में मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम किसानों की बेहतरी के लिए योजनाएं कृषि भवन में बैठकर नहीं, बल्कि खेतों में उतरकर बना रहे हैं। मखाना किसानों के लिए बोर्ड का गठन भी इसी सोच का हिस्सा है। बिहार के किसानों के बिना उनकी तकदीर और खेती से जुड़े फैसले नहीं लिए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मखाना उत्पादन से जुड़े किसानों की हर समस्या को दूर करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे ताकि उन्हें बेहतर प्रशिक्षण, तकनीक, संसाधन और बाजार मिल सके।

केंद्रीय मंत्री के साथ आयोजित किसान संवाद में कटिहार जिले से आई संतोषी कुमारी ने महिलाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि मैं 20 वर्षों से महिलाओं के साथ काम कर रही हूं। अगर प्रखंड और पंचायत स्तर पर महिला किसानों को मखाना खेती का प्रशिक्षण मिले, तो इसका उत्पादन कई गुना बढ़ सकता है। इसके साथ ही बाजार मूल्य निर्धारण को लेकर भी मांग उठी, ताकि किसानों को उनकी मेहनत का सही दाम मिल सके। मंत्री ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि मखाना किसानों को संगठित कर उनकी आय बढ़ाने की दिशा में सरकार ठोस रणनीति पर काम कर रही है।

शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट किया कि मखाना बोर्ड का गठन पूरी तरह किसानों की राय और जरूरतों के अनुसार किया जाएगा। इसमें न केवल मखाना की खेती, बल्कि इसके प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग) और वैश्विक बाजार तक पहुंच बढ़ाने पर भी जोर दिया जाएगा। इस दौरान केंद्रीय मंत्री के साथ बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, अतिपिछड़ा कल्याण मंत्री हरि सहनी और विधायक जीवेश मिश्रा भी मौजूद रहे। उन्होंने भी किसानों की मांगों को ध्यान से सुना और आश्वासन दिया कि मखाना को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।

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