
इंदौर। सिंहस्थ 2028 को केंद्र में रखते हुए भारतीय रेलवे ने मालवा क्षेत्र में रेल ढांचे के व्यापक विस्तार की रूपरेखा तैयार की है। अगले पांच वर्षों में इंदौर, डॉ. आंबेडकर नगर (महू), लक्ष्मीबाई नगर और उज्जैन से संचालित ट्रेनों की संख्या मौजूदा स्तर से लगभग दोगुनी करने का लक्ष्य तय किया गया है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार इस योजना में कोचिंग टर्मिनलों का विस्तार, नई पिट लाइनें, स्टेबलिंग/होल्डिंग एरिया और स्टेशनों का आधुनिकीकरण शामिल है, जिससे भीड़भाड़ घटेगी और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
मालवा पर विशेष फोकस
रेलवे की राष्ट्रीय क्षमता-वृद्धि योजना में मालवा क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई है। यहां इंदौर के दबाव को कम करने के लिए सैटेलाइट टर्मिनल, मेंटेनेंस क्षमता बढ़ाने और सिंहस्थ जैसी भीड़-प्रधान व्यवस्थाओं के लिए अतिरिक्त होल्डिंग जोन विकसित किए जा रहे हैं।
इंदौर जंक्शन री-डेवलपमेंट से नई उड़ान-
-अभी प्रतिदिन संचालन-57 जोड़ी ट्रेनें
-41 जोड़ी ट्रेनें यहीं से ओरिजिनेट/टर्मिनेट
-मौजूदा ढांचा- 6 प्लेटफॉर्म, 5 पिट लाइन
-पुनर्विकास पूरा होने पर अतिरिक्त ट्रेनों की हैंडलिंग क्षमता और यात्री सुविधाएं दोनों बढ़ेंगी।
लक्ष्मीबाई नगर इंदौर का सैटेलाइट टर्मिनल
-अभी 3 प्लेटफॉर्म, 4 स्टेबलिंग लाइन
-निर्माणाधीन 2 नए प्लेटफॉर्म
-259 करोड़ की लागत से समेकित कोचिंग मेंटेनेंस डिपो
-5 नई पिट लाइन, 7 स्टेबलिंग लाइन
-प्रतिदिन 15 प्राइमरी मेंटेनेंस ट्रेनों का देखरेख
-इंदौर जंक्शन पर भीड़ में बड़ी राहत मिलेगी
डॉ. आंबेडकर नगर (महू) में भी क्षमता विस्तार
-अभी 4 प्लेटफॉर्म, 3 पिट लाइन
-प्लेटफॉर्म विस्तार व कनेक्टिविटी कार्य मार्च 2026 तक
-पहले चरण में 94 करोड़ से 2 नई पिट लाइन
-मेंटेनेंस क्षमता में 6 ट्रेनों की बढ़ोतरी।
उज्जैन में भी सिंहस्थ 2028 की तैयारी
-प्रस्तावित 9 नई स्टेबलिंग/होल्डिंग लाइन
-यार्ड रीमॉडलिंग व इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग पूर्ण
-सिंहस्थ के दौरान अतिरिक्त यात्रियों के लिए बड़े होल्डिंग जोन व सुविधाओं का उन्नयन।
कुल कितनी बढ़ेगी क्षमता?
इंदौर-उज्जैन क्षेत्र में चल रहे कार्यों के बाद-
-7 नई पिट लाइनें
-16 नई स्टेबलिंग लाइनें
-प्रतिदिन 32 अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन संभव (21 प्राइमरी मेंटेनेंस + 11 प्लेटफॉर्म-रिटर्न ट्रेनें)।
रेल नेटवर्क होगा मजबूत, बढ़ेंगी सुविधाएं
रेलवे के मुताबिक यात्रियों की बढ़ती मांग को देखते हुए कोचिंग टर्मिनलों और परिचालन क्षमता का विस्तार किया जा रहा है, जिससे भीड़ कम होगी और रेल कनेक्टिविटी नए स्तर पर पहुंचेगी। सिंहस्थ 2028 से पहले मालवा क्षेत्र में यह योजना रेलवे का अब तक का सबसे बड़ा संरचनात्मक बदलाव साबित हो सकती है। आने वाले महीनों में नई ट्रेनों और समय-सारिणी को लेकर और घोषणाएं अपेक्षित हैं।
वंदे भारत मेट्रो भी इंदौर से उज्जैन के बीच दौड़ेगी
सिंहस्थ में यात्रियों की सुविधा को देखते हुए रेलवे ने इंदौर से उज्जैन के बीच वंदे भारत मेट्रो ट्रेन चलाने की भी योजना तैयार की है। यह ट्रेन मैच 30 मिनट में यात्रियों को इंदौर से उज्जैन पहुंचाएगी। सांसद शंकर लालवानी के मुताबिक रेलवे मुख्यालय ने इस ट्रेन को चलाने की योजना तैयार कर ली है। इस ट्रेन का संचालन मौजूद ट्रैक पर ही किया जाएगा।
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