
श्रीनगर: पहलगाम हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंक के खिलाफ कार्रवाई अब टेक्नोलॉजी के नए स्तर पर पहुंच चुकी है. घाटी में सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक बनाया जा रहा है. रेलवे स्टेशन, पुल, जंगल और सार्वजनिक स्थानों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस अत्याधुनिक CCTV लगाए जा रहे हैं. इन कैमरों की मदद से हर संदिग्ध गतिविधि पर पैनी नजर रखी जाएगी. जम्मू कश्मीर में आधुनिक सीसीटीवी लगाने वाली कंपनी की वाइस प्रेजिडेंट ने बताया कि ये कैमरे इतने कारगर हैं कि रीयल टाइम संदिग्ध की पहचान आसानी से कर सकते हैं.
जानकारी के मुताबिक आने वाले दिनों में सीसीटीवी और बड़ी संख्या में लगाए जा रहे हैं. इन आधुनिक कैमरों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये चेहरे पर मास्क या कवर होने के बावजूद भी व्यक्ति की पहचान कर सकते हैं. इतना ही नहीं, ये कैमरे बम धमाके जैसी घटनाओं में भी अपना डेटा सुरक्षित रख सकते हैं.
कटरा से श्रीनगर तक की रेलवे लाइन पर 3000 से ज्यादा नाइट विजन और ब्लास्ट-प्रूफ CCTV कैमरे लगाए गए हैं. ये कैमरे रात में 100 मीटर तक की दूरी से भी साफ तस्वीरें कैप्चर कर सकते हैं. विश्व के सबसे ऊंचे चेनाब ब्रिज की निगरानी भी अब इन्हीं AI कैमरों से की जा रही है.
CRPF के जवानों को अब खास AI टॉर्च दी गई है जो दिखने में आम लगती है, लेकिन इसमें फेस रिकग्निशन, डेटाबेस कनेक्शन, नाइट विजन और वाइब्रेशन अलर्ट जैसी तकनीक शामिल है. भीड़ में इसे घुमाने भर से यह संदिग्ध व्यक्ति की पहचान कर लेती है और तुरंत कंट्रोल रूम को उसकी जानकारी भेज देती है.
पीर पंजाल रेंज में लगाए गए कैमरे एक खास AI वेपन लोकेटर सॉफ्टवेयर से जोड़े गए हैं, जो कपड़ों में छुपे हथियारों को भी पहचान सकते हैं. चाहे कोई भेष बदलकर ही क्यों न आए, अब उस पर नज़र रखना आसान हो गया है.
इस पूरी हाईटेक निगरानी प्रणाली की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह तकनीक पूरी तरह भारत में ही विकसित की गई है. अब घाटी में सुरक्षा का नया युग शुरू हो चुका है. जहां हर संदिग्ध चेहरा स्कैन होगा और आतंक की हर साजिश नाकाम की जाएगी.
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