
नई दिल्ली । ग्रेटर नोएडा पुलिस (Greater Noida Police)ने शनिवार को अपहरण के एक मामले का खुलासा (Disclosure of the case)करते हुए एयर इंडिया (Air India)के पायलट समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार (The accused were arrested)किया है। आरोप है कि पायलट ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर नोएडा एयरपोर्ट परियोजना को बाधित करने और क्षेत्र में अपना वर्चस्व स्थापित करने की साजिश रची थी। इसके लिए किसान परिवार को गुमराह कर फर्जी तरीके से अपहरण किया गया। पुलिस-प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई।
ग्रेटर नोएडा के डीसीपी साद मियां खान ने बताया कि पुलिस और प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए एयर इंडिया के पायलट कैप्टन पुत्तन सिंह ने पूरी घटना को अंजाम दिया। मुख्य आरोपी नोएडा के सेक्टर-135 निवासी पुत्तन सिंह, उसकी पत्नी सरोजबाला, नई दिल्ली मैदान गढ़ी गांव में रहने वाली पायलट की सास रामदेवी और दयानतपुर गांव के प्रमोद और पवन चौधरी को गिरफ्तार किया गया है। इनकी निशानदेही पर अगवा किए गए किसान हंसराज, उसकी पत्नी और बेटे को सकुशल बरामद कर लिया गया है।
डीसीपी ने बताया कि जेवर में बन रहे नोएडा एयरपोर्ट के लिए पहले चरण में छह गांवों को विस्थापित किया गया। इनमें रोही गांव के किसान हंसराज का परिवार आपत्ति जता रहा था। हंसराज का परिवार पिछले तीन साल से एयरपोर्ट की बाउंड्री के अंदर रह रहा था। एसडीएम जेवर द्वारा 29 मई को हंसराज के परिवार को एयरपोर्ट परिसर से हटकर आरआर साइट में एक प्लॉट दिया गया। इसी दिन सौरभ ने अपने पिता हंसराज और मां कमलेश देवी को जेवर के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। 4 जून को उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज करा लिया गया।
याचिका दाखिल की: पुलिस के मुताबिक, परिवार को 6 जून को आरआर साइट स्थित प्लॉट पर देखा गया। इसी बीच 2 जून को किसान के बड़े बेटे ने मुख्य आरोपी कैप्टन पुत्तन सिंह और प्रमोद के कहने पर अपने माता-पिता और छोटे भाई सौरभ को अवैध हिरासत में रखने के संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट में पुलिस-प्रशासन के खिलाफ एक याचिका दाखिल कर दी। हाईकोर्ट ने 11 जून को सुनवाई की और पुलिस-प्रशासन को हंसराज के परिवार को 12 जून को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया। इस तारीख पर परिवार को पेश नहीं करने पर हाईकोर्ट ने फिर 7 जुलाई की तारीख निर्धारित की। दूसरी ओर, पुलिस और प्रशासन ने हंसराज के परिवार की तलाश के लिए 7 टीमों का गठन किया और फिर किसान हंसराज के परिवार के अपहरण की साजिश का खुलासा किया।
6 जून को किया गया अपहरण : पुलिस का दावा है कि 6 जून की रात करीब 10:30 बजे नहर कोठी दयानतपुर के पास तीनों को कैप्टन की बीएमडब्ल्यू गाड़ी में बैठाया गया। कैप्टन पुत्तन सिंह तीनों को नोएडा स्थित अपने मकान पर ले गया। फिर उन्हें दिल्ली में अपनी सास के घर छोड़ा। आरोपी किसान परिवार को इधर-उधर छिपाते रहे। पुलिस टीम ने शुक्रवार को परिवार को दयानतपुर के पवन चौधरी के घेर से बरामद किया। पायलट की लग्जरी गाड़ी भी बरामद की गई।
आर्थिक लाभ पाने के लिए रचा खेल
पुलिस का दावा है कि पायलट ने आर्थिक लाभ पाने के लिए इस खेल का षड्यंत्र रचा। किसान को गुमराह किया और उसे उचित मुआवजा दिलाने का भरोसा दिलाया। पुलिस का दावा है कि पायलट की जेवर एयरपोर्ट के प्रभावित दयानतपुर गांव में ससुराल है। यहां इसकी जमीन है। पायलट का मकसद किसान को मोहरा बनाकर अपनी जमीन का उचित मुआवजा पाना था। इसके साथ ही वह पुलिस व प्रशासन पर दबाव भी बनना चाहता था।
अधिकारियों-कर्मचारियों के शामिल होने का शक
पुलिस को शक है कि इस साजिश में कुछ सरकारी अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल हैं। मामले की गहनता से जांच के बाद पता चलने पर इनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का दावा है इस घटना का मुख्य उद्देश्य जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट परियोजना के विकास, विस्थापन और पुनर्वास प्रक्रिया को बाधित करना था। साथ ही पुलिस-प्रशासन पर गलत आरोप लगाकर क्षेत्र में डर और प्रभाव का माहौल बनाना तथा इससे अनुचित आर्थिक लाभ उठाना था।
ड्यूटी के दौरान भी घटनाक्रम से जुड़ा रहा
पुलिस के अनुसार, नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट शुरू न हो, इसके लिए पायलट पुत्तन सिंह ने नाकाम कोशिश की। अपनी ड्यूटी पर रहने के दौरान भी वह लगातार इस घटनाक्रम से जुड़ा रहा। पुलिस का दावा है कि रविवार को भी दिल्ली से पायलट की फ्लाइट थी। वह लगातार उड़ान भर रहा था। इस बीच इस साजिश को अंजाम देने के लिए उसने कई मोबाइल और सिम नंबर का इस्तेमाल किया। पायलट किसान को गुमराह कर शासन और प्रशासन के खिलाफ भड़काता रहा। पुलिस को आशंका है कि पायलट के पीछे किसी बड़े राजनीतिज्ञ और अधिकारी का हाथ हो सकता है।
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