
नई दिल्ली । दिल्ली में वायु प्रदूषण (Air pollution in Delhi) से आम जन-जीवन बूरी तरह प्रभावित हो गया (Has severely affected Normal Life) ।
घना स्मॉग, कड़ाके की ठंड और कोहरे ने रविवार को उत्तर भारत के बड़े हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया। हालात इतने बिगड़ गए कि प्रदूषण ‘गंभीर’ श्रेणी के बेहद करीब पहुंच गया। खराब होती हवा ने एक बार फिर लोगों की सेहत को लेकर चिंता बढ़ा दी है। खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए यह स्थिति ज्यादा खतरनाक मानी जा रही है।
वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) रात 11 बजे तक बढ़कर 410 तक पहुंच गया, जो सीधे तौर पर ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। हालांकि रात में थोड़ी राहत जरूर मिली, लेकिन सुबह भी हालात चिंताजनक बने रहे। रविवार सुबह करीब साढ़े छह बजे एक्यूआई 396 दर्ज किया गया, जो अब भी गंभीर श्रेणी के करीब था।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ‘समीर’ ऐप के आंकड़ों से पता चला कि राजधानी के कई इलाकों में सुबह के समय हवा की हालत बहुत खराब रही। सबसे ज़्यादा प्रभावित जगहों में चांदनी चौक (455), वज़ीरपुर (449), रोहिणी (444), जहांगीरपुरी (444), आनंद विहार (438) और मुंडका (436) शामिल थे, जो सभी “गंभीर” प्रदूषण श्रेणी में आते थे।
इस दौरान मौसम ने भी मुश्किलें बढ़ा दीं। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने घने से बहुत घने कोहरे की चेतावनी दी। कोहरे की वजह से दृश्यता और कम हो गई और जन-जीवन पर इसका व्यापक प्रभाव देखने के लिए मिला। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और चंडीगढ़ के कई इलाकों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया। इससे सड़क, रेल और हवाई यातायात प्रभावित होने की आशंका जताई गई।
दिल्ली में पूरे दिन ठंड बनी रही। अधिकतम तापमान करीब 17 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि न्यूनतम तापमान लगभग 8 डिग्री तक गिर गया। दिनभर स्मॉग की मोटी परत छाई रही, जिससे बाहर निकलना मुश्किल हो गया। विशेषज्ञों का कहना है कि हवा की रफ्तार कम होना और तापमान का उलटफेर जैसी मौसमी प्रतिशत कारण प्रदूषक जमीन के पास ही फंस गए। सर्दी बढ़ने के साथ दिल्ली को बार-बार ऐसे प्रदूषण के दौर से जूझना पड़ रहा है।
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