
पुणे। महाराष्ट्र (Maharashtra) के उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) ने शुक्रवार को बताया कि पुणे जिले में भी अनावश्यक हथियार लाइसेंस (Weapon Licenses) रद्द किए जाएंगे। इससे पहले बीड जिले (Beed District) में अनावश्यक हथियार लाइसेंस रद्द किए गए थे। यह फैसला बीड सरपंच हत्याकांड (Sarpanch Murder Case) के बाद लिया गया।
इससे पहले, बीड में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के बाद पुलिस ने सभी हथियार लाइसेंस की जांच करने के लिए एक अभियान शुरू किया था, ताकि यह पता चल सके कि वास्तव में किसे हथियार की जरूरत है और किसे नहीं। इस जांच के बाद प्रशासन ने कुछ लाइसेंस रद्द कर दिए थे।
उपमुख्यमंत्री पवार पुणे और बीड दोनों जिलों के संरक्षक मंत्री हैं। उन्होंने पुणे में संवाददाताओं से कहा कि बीड प्रशासन ने जिले में कुछ लाइसेंस रद्द किए हैं। उन्होंने कहा कि बीड की तर्ज पर पुणे में भी अनावश्यक हथियार लाइसेंस रद्द किए जाएंगे। इसके लिए आदेश दिए गए हैं।
पुणे में यह मुद्दा तब चर्चा में आया, जब पता चला कि वैष्णवी हगावने की आत्महत्या मामले से जुड़े कुछ लोगों को भी हथियारों के लाइसेंस दिए गए थे। 26 वर्षीय वैष्णवी ने 16 मई को पुणे में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। उसके परिवार ने आरोप लगाया था कि उसके ससुराल वालों ने दहेज के लिए उसे प्रताड़ित किया। उसके ससुर राजेंद्र हगावने को बाद में सत्तारूढ़ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से निकाल दिया गया था।
महाराष्ट्र नवनिर्वाण सेना प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच संभावित गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि राज और उद्धव अपनी-अपनी पार्टियों के प्रमुख हैं। पार्टियों से संबंधित कोई भी निर्णय लेना उनका अधिकार है। इस बारे में आपको और मुझे सोचने का क्या फायदा है? राजनीतिक रूप से अलग-थलग पड़े ठाकरे भाईयों ने हाल ही में अपनी टिप्पणियों से मनसे-सेना गठबंधन की संभावना को हवा दे दी है।
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