
लखनऊ। समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने मंगलवार को लखनऊ (Lucknow) में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ऑफिस में कथा सुनी। कथा सुनाने भागवताचार्य व्यास मुकुट मणि और उनके सहायक संत कुमार यादव और श्याम जी कठेरिया आये। इन्ही के साथ इटावा जिले के बकेवर थाना क्षेत्र के दांदरपुर गांव में मारपीट, चोटी काटने और अपमान करने का आरोप है। अखिलेश यादव ने आज इन्हें पार्टी दफ्तर में सम्मानित भी किया और तीनों को 51-51 हज़ार रुपये दिए। समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी कथा वाचक मंडली को हज़ारों रुपये दिए।
इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि जब भागवत कथा सब सुन सकते हैं तो बोल क्यों नही सकते। भागवत कथा तो भगवान कृष्ण से जुड़ी है। जब कृष्ण भक्तों को कथा करने से रोका जाएगा तो ये कैसे बर्दाश्त होगा?।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि कथा वाचन को कुछ लोगों ने व्यापार बना लिया है। ये लग ये एलान कर दें कि पीडीए परिवार का चंदा नही लेंगे। क्या सरकार कानून लेकर आएगी कि पीडीए परिवार कथा नहीं कर सकेगा। अभी तक तो ये पीडीए परिवार के घर को गंगा जल से धुलवा रहे थे। पीडीए के मन्दिर जाने पर शुद्धिकरण करा रहे हैं। जिस दिन पीडीए परिवार ने अपनी कथा अलग से शुरु कर दी। उसी दिन इन वर्चस्व वालों का साम्रज्य ढह जाएगा। अखिलेश ने आरोप लगाया कि इस सरकार में बैठे लोग लगातार पीडीए परिवार को डरा धमका रहे हैं।
इटावा में जिन कथावाचकों के साथ अभद्रता हुई, उन्हें लेकर अखिलेश यादव ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस की। इसके अलावा उन्होंने कथावाचकों से कथा भी सुना। उन्होंने कहा कि किसी को भी कथा कहने से नहीं रोका चाहिए। अगर रोका जाएगा तो कोई इस तरह का अपमान क्यों सहेगा।
बता दें कि इटावा जिले के दांदरपुर गांव में कथित तौर पर ऊंची जाति के लोगों के एक समूह ने एक धार्मिक उपदेशक और उसके सहयोगी का सिर मुंडवा दिया, क्योंकि उन्हें पता चला कि वे यादव जाति से हैं। पुलिस ने बताया कि सिर मुंडवाने की घटना रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात को हुई और आरोपियों को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया। मुंडवाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई और मुख्य आरोपी समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। चारों आरोपियों की पहचान आशीष तिवारी, उत्तम कुमार अवस्थी, निक्की अवस्थी, मनु दुबे के रूप में हुई है।
इससे पहले एक्स हैंडल पर अखिलेश यादव ने कहा कि इटावा के बकेवर इलाके के दांदरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान कथावाचक और उनके सहायकों की जाति पूछने पर पीडीए की एक जाति बताने पर, कुछ वर्चस्ववादी और प्रभुत्ववादी लोगों ने साथ अभद्र व्यवहार करते हुए उनके बाल कटवाए, नाक रगड़वाई और इलाके की शुद्धि कराई। हमारा संविधान जातिगत भेदभाव की अनुमति नहीं देता है, ये व्यक्ति की गरिमा और प्रतिष्ठा से जीवन जीने के मौलिक अधिकार के विरुध्द किया गया अपराध है। सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ़्तारी हो और यथोचित धाराओं में मुक़दमा दर्ज़ किया जाए। अगर आगामी 3 दिनों में कड़ी कार्रवाई नही हुई तो हम ‘पीडीए के मान-सम्मान की रक्षा’ के एक बड़े आंदोलन का आह्वान कर देंगे। पीडीए के मान से बढ़कर कुछ नहीं!
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