
लखनऊ: फेसबुक ने 10 अक्टूबर को समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के आधिकारिक फेसबुक पेज (Facebook Page) को सस्पेंड (Suspended) कर दिया था. अखिलेश के इस पेज पर 80 लाख से ज्यादा लोग जुड़े हुए थे. इसके बाद से ही सपा कार्यकर्ताओं इसकी आलोचना शुरू कर दी है और केंद्र सरकार (Central Government) पर आरोप लगाने शुरू कर दिए. हालांकि अब मेटा ने एक बार फिर अखिलेश का फेसबुक पेज एक्टिवेट कर दिया है. अखिलेश का पेज 12 घंटे से ज्यादा समय तक सस्पेंड रहा है.
सपा की तरफ से लग रहे आरोपों के बाद आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने इसमें सरकार का हाथ होने से साफ इनकार किया था. उन्होंने कहा था कि अखिलेश का पेज फेसबुक पॉलिसी उल्लंघन के कारण हटाया है. अखिलेश के फेसबुक पोस्ट में abusive भाषा थी. फेसबुक की इस कार्रवाई में सरकार की कोई भूमिका नहीं है.
अखिलेश के जिस फेसबुक पेज को सस्पेंड किया गया था. उस पर 80 लाख से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं. इसके साथ ही सपा प्रमुख काफी एक्टिव बने रहते हैं. समय-समय पर सरकार पर भी वे सोशल मीडिया के जरिए ही हमला बोलते रहते हैं. फेसबुक सस्पेंड होने के बाद सपा के नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आई है. पार्टी प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा था कि कि देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी समाजवादी पार्टी के मुखिया के फेसबुक पेज को सस्पेंड करना लोकतंत्र पर हमला करने के बराबर है. उन्होंने आरोप लगाया था कि केंद्र की बीजेपी ने देश में अघोषित इमरजेंसी लगा दी है, जिससे हर विरोधी की आवाज को दबाया जा रहा है.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved