
अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में दावतएवलीमा (रिस्पेशन) के दौरान जमकर हंगामा हो गया. आरोप है कि यहां खाने में बीफ परोसा जा रहा था. उसके लिए अलग से काउंटर लगाए थे. काउंटर पर बीफ का स्टीकर देख हिंदू युवक ने विरोध किया. विरोध तेज होने पर स्थानीय भाजपा युवा मोर्चा (युवा भाजपा) के नेता शगुन मौके पर पहुंचे. उन्होंने बीफ परोसने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया और कैटरिंग टीम पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इल्जाम लगाया. फिर जमकर यहां हंगामा बरपा. मारपीट भी हुई.
मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है. यहां शहनाई मैरिज हॉल में एक निकाह के दौरान जमकर मारपीट हुई. झगड़ा खाने में बीफ को लेकर हुआ. दरअसल, यहां खाने के स्टॉल पर ‘मीट ग्रेवी डोंगा के बराबर (बीफ कोरमा)’ लिखे बोर्ड को देखकर विवाद भड़क उठा. धूमधाम से यहां निकाह समारोह चल रहा था, जिसमें मुस्लिम परिवार के सदस्य शामिल थे. मैरिज होम के खाने के स्टॉल पर विभिन्न व्यंजनों के नाम लिखे थे, जिनमें से एक पर स्पष्ट रूप से “बीफ कोरमा” (गोमांस की ग्रेवी) का उल्लेख था.
एक हिंदू युवक ने यह बोर्ड देखा और भड़क गया. उसने इसे “गाय का मांस” बताते हुए विरोध शुरू कर दिया. हिंदू धर्म में गाय को पवित्र माना जाता है, इसलिए बीफ (गोमांस) का उल्लेख संवेदनशील मुद्दा है. युवक ने स्टॉल पर चिल्लाना शुरू किया और अन्य लोगों को इकट्ठा होने का संकेत दिया. विरोध तेज होने पर स्थानीय भाजपा युवा मोर्चा (युवा भाजपा) के नेता शगुन मौके पर पहुंचे. उन्होंने बीफ परोसने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया और कैटरिंग टीम पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इल्जाम लगाया.
हंगामा बढ़ने के दौरान मारपीट की घटना भी हुई. हिंदू पक्ष के लोगों ने स्टॉल पर तोड़फोड़ की कोशिश की, जबकि आयोजकों ने बचाव में हाथापाई की. इससे मामला और तनावपूर्ण हो गया. हिंदूवादी संगठनों के सदस्य भी इकट्ठा हो गए, जिससे भीड़ बढ़ गई और स्थिति बिगड़ने का खतरा पैदा हो गया. हंगामे की सूचना मिलते ही सिविल लाइन थाने की पुलिस टीम मौके पर पहुंची. उन्होंने तुरंत हालात काबू में किए, भीड़ को तितर-बितर किया और दोनों पक्षों के प्रमुख लोगों को थाने ले गए. थाने में पूछताछ शुरू हुई. बाद में क्षेत्राधिकारी तृतीय सर्वम कुमार भी पहुंचे और मामले की निगरानी की.
भाजपा युवा नेताओं ने मांग की कि परोसे गए मीट की फॉरेंसिक जांच (लैब टेस्ट) कराई जाए, ताकि पुष्टि हो कि यह वाकई बीफ था या नहीं. मारपीट के आरोपी (आयोजकों या कैटरर्स के खिलाफ) पर सख्त कार्रवाई हो. पुलिस ने तहरीर (शिकायत) के आधार पर छानबीन शुरू कर दी है. अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन दोनों पक्षों को चेतावनी दी गई है कि शांति बनाए रखें.
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