
इन्दौर। अब तक कान्ह नदी को संवारने के लिए करोड़ों रुपए पानी में बह गए, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। अब हालत यह है कि शिवाजी मार्केट से लेकर इंडस्ट्री एरिया तक कान्ह नदी का पानी काला पड़ चुका है। पूर्व में शिवाजी मार्केट की दुकानों को हटाकर वहां रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के तहत कार्य होना था, लेकिन ना दुकानदार हटे और ना रिवर फ्रंट डेवलपमेंट की योजना आगे बढ़ी।
केन्द्र सरकार से मिली राशि से कान्ह नदी को संवारने का काम सालों पहले शुरू किया गया था। पहले दौर में 500 करोड़ से स्मार्ट सिटी और नगर निगम के ड्रेनेज विभाग ने नाला टेपिंग के कार्य किए थे और शहरभर में सडक़ें खोद दी थी। निगम द्वारा दावा किया गया था कि कान्ह नदी के अलग-अलग हिस्सों में गिरने वाले करीब 800 से ज्यादा आउटफाल्स (सीवर और अन्य गंदा पानी के कनेक्शन) हटाए गए थे और सैकड़ों घरों के ऐसे कनेक्शन ड्रेनेज लाइनों में जोड़े गए थे, ताकि नदी की स्थिति में सुधार हो सके।
इसके बाद फिर नदी को संवारने के लिए 300 करोड़ के काम हुए और मच्छी बाजार से लेकर दयानंद नगर, चंद्रभागा, छत्रीबाग और कई अन्य हिस्सों में सौंदर्यीकरण के कार्य कराने के साथ-साथ ऐरन की दीवारें बनाने के कौतुक किए गए थे। इन सब के बावजूद कान्ह नदी की स्थिति आजतक नहीं सुधरी और औद्योगिक क्षेत्र सांवेर रोड से लगातार आ रहे गंदे पानी के कारण कान्ह नदी काली पडऩे लगी है। संजय सेतु से लेकर कृष्णपुरा, शिवाजी मार्केट और शांतिपथ तक नदी की हालत बदतर है।
नया मार्केट जर्जर होने लगा, लेकिन दुकानदार जाने को तैयार नहीं
नगर निगम ने शिवाजी मार्केट के 300 दुकानदारों को बेदखली के नोटिस थमाए थे और उन्हें नंदलालपुरा सब्जी मार्केट में बनाए गए नए मार्केट में दुकानें देने के लिए ड्रा भी खोले गए थे। बाद में व्यापारी फिर कई कारणों का हवाला देते हुए वहां जाने से इनकार कर चुके। निगम की बेदखली के खिलाफ कुछ दुकानदारों ने कोर्ट की शरण भी ली थी। शिवाजी मार्केट के दुकानदारों को शिफ्ट करने के लिए ही निगम ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत करीब 6 करोड़ की राशि खर्च कर नया मार्केट बनाया था, जो अब जीर्ण-शीर्ण हो रहा है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved