
भोपाल: बांग्लादेश (Bangladesh) में हिंदू (Hindu) और ईसाई समुदाय (Christian Community) पर हो रहे कथित अत्याचारों (Alleged Atrocities) को लेकर भारत (India) की राजनीति (Politics) में हलचल तेज हो गई है. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने इस मुद्दे पर बड़ा और विवादित बयान दिया है. उनके बयान के बाद राजनीतिक बयानबाजी और प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है.
उन्होंने अपने बयान में कहा,”बांग्लादेश में जब से इस तरह आंदोलन होकर सरकार बदली है, वहां वो सारे तत्व हैं, जो कि धार्मिक उन्माद फैलाकर राजनीति करते हैं. जिनका विरोध शेख हसीना करती थी, इनका विरोध शेख मुजीब साहब ने किया था. ये जो हालात हमारे देश में हैं, यहां वही धर्मांध फैलाने वाले कट्टरपंथी ताकतें जो हैं, जिस प्रकार से अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ यूं कार्रवाई कर रहे हैं, वही रिएक्शन वहां पर उस प्रकार का हो रहा है.”
दिग्विजय सिंह ने अपने बयान में साफ शब्दों में बांग्लादेश में हिंदू और ईसाई समुदाय पर हो रहे हमलों की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं की जा सकतीं और यह मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है. उन्होंने आगे कहा, “हम बांग्लादेश में जो हमारे हिंदू भाइयों के साथ हो रहा है, ईसाइयों के साथ हो रहा है, उसकी घोर निंदा करते हैं.”
पूर्व मुख्यमंत्री ने बांग्लादेश के वर्तमान नेतृत्व से भी सख्त कदम उठाने की अपील की. उन्होंने कहा कि वहां की सरकार को हालात पर काबू पाने के लिए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा, “बड़े अर्थशाष्त्री बांग्लादेश के प्रमुख मोहम्मद यूनुस साहब को एक्शन लेना चाहिए.” फिलहाल, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और इस मुद्दे पर भारत की सियासत दोनों ही चर्चा के केंद्र में बने हुए हैं.
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