
नई दिल्ली । पश्चिम बंगाल (West Bengal)की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee)ने बांग्लादेश के आतंकवादियों (Bangladesh terrorists)और कट्टरपंथियों से संबंध(Relationship with radicals) होने के भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के विधायकों के आरोपों(allegations by legislators) को सोमवार को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा विधायक इन आरोपों को साबित कर दें, तो वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगी।
राज्य विधानसभा को संबोधित करते हुए ममता ने अपने खिलाफ ‘बेबुनियाद टिप्पणियां’ करने के लिए भाजपा विधायकों की आलोचना की और कहा कि वह इस तरह के दावों की शिकायत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखेंगी।
टीएमसी सुप्रीमो ने कहा, ‘भाजपा नेता और विधायक बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं कि मेरे कश्मीर में आतंकवादियों और बांग्लादेश के आतंकवादियों व कट्टरपंथियों से संबंध हैं। अगर भाजपा साबित कर दे कि मेरे आतंकवादियों और कट्टरपंथियों से संबंध हैं, तो मैं इस्तीफा दे दूंगी।’
ममता ने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर शिकायत करेंगी कि उनकी पार्टी के विधायक सबूत न होने के बावजूद उन पर बांग्लादेशी कट्टरपंथियों से संबंध होने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद के झूठे आरोप लगने से मर जाना बेहतर है।’
ममता ने कहा, ‘अभिव्यक्ति की आजादी उन्हें (भाजपा विधायकों को) नफरत फैलाने वाले भाषण देने और लोगों को बांटने की अनुमति नहीं देती है। अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब नफरत फैलाने वाली बातें नहीं है। आप (भाजपा विधायक) राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का सहारा लेते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं करते।’
तृणमूल प्रमुख ने कहा कि वह धर्मनिरपेक्षता और सभी समुदायों के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में विश्वास करती हैं। उन्होंने भाजपा पर राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने बांग्लादेश में जारी तनाव का जिक्र करते हुए कहा कि पड़ोसी देश में अशांति के बीच उनकी सरकार के प्रयासों से ही पश्चिम बंगाल में शांति एवं सद्भाव सुनिश्चित हुआ है।
ममता ने उन पर मुस्लिम लीग से जुड़े होने का आरोप लगाने वाली टिप्पणियों की निंदा की। उन्होंने भाजपा नेताओं पर विभाजनकारी बयान देने और गलत सूचना फैलाने का आरोप भी लगाया। ममता ने कहा कि उन्होंने सोमवार को एक वीडियो क्लिप देखी, जिसमें एक नेता ने अपने भाषण के दौरान ‘बार-बार’ उनके (ममता के) पिता पर निशाना साधते हुए पूछा, ‘क्या यह ममता बनर्जी के पिता की संपत्ति है?’ हालांकि, मुख्यमंत्री ने उस नेता की पहचान जाहिर नहीं की।
उन्होंने कहा, ‘मैं ऐसी टिप्पणी नहीं करना चाहती। लेकिन मैं स्पष्ट कर देना चाहती हूं। हां, मेरे पिता के पास संपत्ति थी, लेकिन मैंने उसमें से कुछ भी नहीं लिया है।’ ममता ने धर्मनिरपेक्षता, सभी समुदायों के विकास और राज्य में शांति बनाए रखने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए अपना भाषण समाप्त किया।
उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘धर्म एक निजी मामला है। यह कोई वस्तु नहीं है, जिसका व्यापार किया जाए। आप धर्म बेचते हैं, हम नहीं बेचते।’ भाजपा के इस दावे पर कि विधानसभा में पार्टी के सदस्यों को चुप कराया जा रहा है, ममता ने जवाब दिया, ‘भाजपा विधायक मेरा सामना करने से डरते हैं, यही कारण है कि जब भी मैं बोलती हूं, वे सदन से बहिर्गमन कर जाते हैं।’
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