
इंदौर। सिंहस्थ के मद्देनजर इंदौर-उज्जैन फोरलेन को अभी जहां सिक्स लेन में परिवर्तित किया जा रहा है, जिसके चलते यातायात भी अवरुद्ध है और इंदौर कलेक्टर ने टोल टैक्स की राशि 70 फीसदी तक घटाने के लिए एमपीआरडीसी को पत्रभी भेजा है, वहीं एक नया ग्रीन फील्ड कॉरिडोर भी कल कैबिनेट बैठक में मंजूर किया गया, जो इंदौर एयरपोर्ट को सीधे उज्जैन से जोड़ेगा। 48 किलोमीटर लम्बे इस फोरलेन के दोनों तरफ सर्विस रोड भी निर्मित की जाएगी और लगभग 3 हजार करोड़ रुपए की राशि भू-अर्जन सहित खर्च होगी।
इसमें 34 अंडरपास और तीन फ्लायओवर, जिसमें एक आरओबी भी शामिल है, के अलावा सभी जंक्शन के सुधार, रोड मार्किंग सहित अन्य कार्य किए जाएंगे। उज्जैन और इंदौर प्रशासन इस ग्रीन फील्ड फोरलेन के लिए भू-अर्जन की प्रक्रिया भी शुरू चुका है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कल कैबिनेट बैठक में सिंहस्थ से जुड़े कई प्रोजेक्टों को मंजूरी दी, वहीं समयसीमा में ये कार्य पूरे करने के निर्देश भी दिए गए। दिसम्बर-2027 तक का लक्ष्य तय किया गया है, जिसमें सिंहस्थ के कार्य पूर्ण होंगे।
कल भी 33 प्रोजेक्ट, जो कि 2675 करोड़ के थे, उन्हें मंजूर किया गया। इसमें इंदौर-उज्जैन के बीच एक और फोरलेन की सौगात भी शामिल है। पितृ पर्वत के पास से यह नया फोरलेन शुरू होगा, जो चिंतामण गणेश उज्जैन तक निर्मित किया जाएगा। इसके लिए दोनों जिलों की लगभग 300 हेक्टेयर सरकारी और निजी जमीनों का भू-अर्जन करना पड़ेगा। हातोद और सांवेर तहसील के 20 गांवों और उज्जैन के 8 गांवों की जमीनें इसमें शामिल रहेंगी। कल कैबिनेट ने इंदौर-उज्जैन फोरलेन को जो मंजूरी दी, उसमें दो लेन का सर्विस रोड भी निर्मित होगा और हाईब्रिड एनयूटी मॉडल पर इस प्रोजेक्ट को अमल में लाया जाएगा। पूर्व में लोक निर्माण विभाग को दी गई प्रशासकीय स्वीकृति को भी अब निरस्त कर दिया है और 17 साल तक इस कॉरिडोर का रख-रखाव भी ठेकेदार फर्म को करना पड़ेगा।
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