साल के आखिर शनि अमावस्या (Shani Amavasya) पर सूर्य ग्रहण का विशेष और अद्भुत संयोग बन रहा है। शनि देव की पूजा के लिए 4 दिसंबर शनिवार का दिन बहुत ही उत्तम है। इस दिन मार्गशीर्ष मास (Margashirsha month) की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है। इस अमावस्या की तिथि को शनि अमावस्या या शनिश्चरी अमावस्या भी कहा जाता है। इस अमावस्या की तिथि को एक बड़ी खगोलीय घटना भी घटित होने जा रही है।
ज्योतिषों के अनुसार इस साल का आखिरी शनि अमावस्या 4 दिसंबर, शनिवार को पड़ रहा है। इस दिन सूर्य ग्रहण भी लगेगा. ऐसे में जानते हैं कि शनि अमावस्या पर किन उपायों से घर में सुख-शांति बनी रहेगी। शनि अमावस्या की तिथि शनि देव को समर्पित है। इस दिन सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। शास्त्रों के अनुसार सूर्य और शनि में पिता और पुत्र का संबंध है।
हिन्दु धार्मिक मान्यता अनुसार शनि-दोष से छुटकारा के लिए शमी-पेड़ की पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा शाम के वक्त इस पेड़ के नीचे सरसों का दीया जलाना भी शुभ है. शनि अमावस्या के दिन इस उपाय से घर में सुख-शांति बनी रहती है. साथ ही शनि के बुरे प्रभावों से भी छुटकारा मिलता है।
जानिए शांति के उपाय
शनि अमावस्या के दिन सरसों का तेल, उड़द, काला चना, कुलथी और गुड़ को शनिदेव को चढ़ाएं, शनि अमावस्या पर सुबह या शाम को शनि मंदिर में हनुमान चालीसा बजरंग बाण का पाठ करें, पीपल के नीचे 7 तरह के अनाज के साथ-साथ तिल या सरसों के तेल का दीया जलाएं, तिल-तेल से बने पकवान किसी गरीबों को देने के साथ-साथ पशु-पक्षियों को भी खिलाएं, शनि अमावस्या पर 108 बेल के पत्ते से बनी माला शिवलिंग पर चढ़ाएं।
शनि अमावस्या के दिन बरगद पेड़ में गाय का कच्चा दूध चढ़ाएं. इससे शनि की कृपा बनी रहती है, जिनके ऊपर शनि की अशुभ दशा चल रही है उन्हें शनि अमावस्या के दिन नशा से दूर रहना चाहिए. साथ ही नॅानवेज खाने के भी बचना चाहिए।
शनि अमावस्या शुभ मुहूर्त
मुताबिक मार्गशीर्ष (अगहन) मास कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का आरंभ 3 दिसंबर की शाम 40 बजकर 55 मिनट से होगा. अमावस्या तिथि 4 दिसंबर को दोपहर 1 बजकर 12 मिनट तक रहेगी।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved