
नई दिल्ली । मध्य प्रदेश(Madhya Pradesh) के ग्वालियर(Gwalior) में PHE (लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी) विभाग में एक हैरान करने वाले फर्जीवाड़े का खुलासा(Disclosure of fraud) हुआ है। यहां पर एक कर्मचारी की मृत्यु का दावा करते हुए उसके परिवार के एक नहीं, दो नहीं, बल्कि तीन-तीन लोगों ने फर्जी तरीके से अनुकम्पा नियुक्ति हासिल कर ली। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह पूरा फर्जीवाड़ा पीएचई विभाग में पंप अटेंडर के पद पर तैनात भूप सिंह के नाम पर अंजाम दिया गया। इस दौरान उनके दोनों बेटों के साथ ही एक बहू ने भी अनुकम्पा नियुक्ति हासिल कर ली।
फर्जीवाड़े की शुरुआत भूप सिंह के जीवित रहते उस वक्त हुई, जब उसे कागजों में मृत बताकर उसके बड़े बेटे रवि ने फर्जी तरीके से अनुकम्पा नियुक्ति हासिल कर ली। खास बात यह है कि रवि ने जीवित पिता को मृत बताते हुए अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त की, जबकि पिता उस समय विभाग में ही नौकरी कर रहे थे।
हालांकि फर्जीवाड़ा यहीं खत्म नहीं हुआ, क्योंकि इसके बाद जब भूप सिंह की वास्तव में मौत हुई, तो इस बार उसके छोटे बेटे पुष्पेंद्र को अनुकम्पा नियुक्ति मिल गई। यानी एक ही शख्स की मौत का दो बार दावा करते हुए हर बार उसके एक-एक बेटे को अनुकंपा नियुक्ति मिल गई।
सबसे खास बात यह है कि फर्जीवाड़े का क्रम यहीं नहीं रुका। इसके बाद कुछ समय तक दोनों भाई उसी विभाग में साथ-साथ काम करते रहे। लेकिन इसके बाद अचानक बड़े भाई रवि की मौत हो गई, तो उसकी पत्नी उमा राजपूत को अनुकंपा नियुक्ति मिल गई। यानी एक अकेले कर्मचारी भूप सिंह के नाम पर ना केवल उसके दोनों बेटों, बल्कि बड़ी बहू को भी अनुकंपा नियुक्ति मिल गई। इस पूरे फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद इस मामले में पीएचई विभाग के मुख्य अभियंता आरएलएस मौर्य का कहना है कि वह जांच कर रहे है और मामले को पुलिस को सौंप दिया जाएगा।
जानें कब और कैसे दी गई तीन लोगों को नियुक्ति
अनुकंपा नियुक्ति देने की शुरुआत 5 सितंबर 2008 को हुई, जब भूप सिंह के बड़े बेटे रवि राजपूत को हेल्पर के पद पर नियुक्ति दी गई। रवि के नाम पर जारी नियुक्ति आदेश में पिता भूप सिंह की मृत्यु सन् 2007 में होना बताया गया। रवि को पीएचई के कार्यालय कार्यपालन यंत्री के संधारण खंड क्रमांक-1 में नियमित कुली के पद पर पदस्थ बताया गया।
इसके बाद छोटे बेटे पुष्पेंद्र राजपूत को अनुकंपा नियुक्ति मिली। छानबीन समिति की जांच ने जब पुष्पेंद्र के नियुक्ति पत्र की जांच की तो पता चला कि 30 अक्टूबर 2021 को भूप सिंह (पंप अटेंडर) की मौत हुई। इस आधार पर छोटे बेटे को 10 फरवरी 2023 को कार्यभारित स्थापना में (अराज्यस्तरीय) चौकीदार बनाया गया।
बड़ी बहू उमा के नियुक्ति पत्र में 12 जून 2022 को रवि राजपूत (कार्यभारित हेल्पर) की मौत होना बताया। इस पर उसकी पत्नी उमा ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन दिया। छानबीन समिति ने 5 अक्टूबर 2023 को निर्णय लिया, जिसमें उमा राजपूत को सहायक केमिस्ट के पद पर नियुक्त किया गया।
विभाग की सफाई- नियुक्ति आदेश फर्जी, FIR कराएंगे
मामले के खुलासे के बाद इस बारे में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मुख्य अभियंता आरएलएस मौर्य ने कहा, ‘उमा राजपूत के पति रवि राजपूत की जिस आदेश के आधार पर नियुक्ति हुई, वह फर्जी है। इसके संबंध में जांच की जा रही है। संबंधित अधिकारी से पूछा गया है कि क्या नियुक्ति आदेश पर हुए हस्ताक्षर उनके हैं? जांच पूरी होने पर FIR होगी।’
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