
नई दिल्ली । इजरायल (Israel) के राजदूत रूवेन अजार (Ambassador Reuven Azar) ने अमेरिका (America) द्वारा भारत (India) पर लगाए गए टैरिफ (Tariff) को एक “अस्थायी मुद्दा” करार दिया, जिसे दोनों देशों के बीच संवाद के माध्यम से हल किया जा सकता है। उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि भारत और इजरायल के बीच संबंधों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
मीडिया से बातचीत में राजदूत अजार ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि इसका (भारत-इजरायल संबंधों पर) कोई प्रभाव पड़ेगा। मैं भारतीय बाजार का विशेषज्ञ नहीं हूं, लेकिन मुझे पता है कि भारत और इजरायल के बीच व्यापार को कोई नुकसान नहीं होगा। मुझे उम्मीद है कि यह एक अस्थायी मुद्दा है, जो हल हो जाएगा, क्योंकि मेरा मानना है कि देशों का आपसी हित साझेदारी को जारी रखने में है।”
इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने ट्रंप के भारत पर 50% टैरिफ पर प्रतिक्रिया दी
कुछ दिनों पहले इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी ट्रंप टैरिफ पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ विवाद को सुलझाना दोनों देशों के हित में होगा। नेतन्याहू ने भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को “बेहद मजबूत” बताते हुए दोनों पक्षों से इस मुद्दे पर सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने का आग्रह किया।
जेरूसलम में भारतीय पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान नेतन्याहू ने कहा, “भारत और अमेरिका के बीच संबंधों की नींव बहुत ठोस है। टैरिफ के मुद्दे पर आम सहमति बनाना दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगा। यह समाधान इजरायल के लिए भी अच्छा होगा, क्योंकि दोनों देश हमारे मित्र हैं।” उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्रंप के साथ इस मुद्दे को निपटाने के लिए निजी तौर पर सलाह दे सकते हैं। उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, “मोदी और ट्रंप मेरे शानदार दोस्त हैं। मैं मोदी को ट्रंप से निपटने की सलाह दूंगा, लेकिन निजी तौर पर।”
अमेरिकी टैरिफ का भारत के निर्यात पर अल्पकालिक प्रभाव
इसी बीच, भारत के वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने एएनआई को बताया कि अमेरिका द्वारा हाल ही में लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ का भारत के निर्यात पर अल्पकालिक प्रभाव पड़ेगा, खासकर टेक्सटाइल, रसायन और मशीनरी जैसे क्षेत्रों में। हालांकि, अधिकारी ने जोर देकर कहा कि समग्र व्यापार और जीडीपी पर इसका दीर्घकालिक प्रभाव सीमित रहेगा। अधिकारी ने कहा, “यह समझा जाता है कि 50% टैरिफ से व्यापार प्रभावित होगा। टेक्सटाइल, रसायन और मशीनरी क्षेत्रों पर अल्पकाल में असर पड़ेगा, लेकिन यह दीर्घकालिक नुकसान नहीं होगा।”
उन्होंने आगे बताया कि उद्योग इस मुद्दे को लेकर चिंतित है और लगातार सरकार को अपनी समस्याएं बता रहा है। अधिकारी ने कहा, “उद्योग ने बताया है कि अल्पकाल में उनके ऑर्डर में कमी आएगी, उन्हें नकदी संकट का सामना करना पड़ेगा और उनकी परिचालन लागत पर वित्तीय दबाव बढ़ेगा। वे सरकार से इस नकदी संकट को दूर करने के लिए मदद मांग रहे हैं। उनकी सुझावों को लागू करने के लिए सकारात्मक कार्य चल रहा है और ये सुझाव सरकार के एजेंडे में शामिल हैं।”
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