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पीडीएस नियमों में संशोधन, अब राशन कार्ड धारकों को हर पांच साल में कराना होगा ये काम, वरना नहीं मिलेगा लाभ

July 24, 2025

नई दिल्‍ली । केंद्र सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को और अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और कुशल बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने बुधवार को मौजूदा PDS नियमों में संशोधन करते हुए सभी राशन कार्ड धारकों (Ration card holders) के लिए हर पांच साल में इलेक्ट्रॉनिक नो योर कस्टमर यानी ई-केवाईसी (e-KYC) प्रक्रिया को अनिवार्य कर दिया है। इस कदम का उद्देश्य राशन वितरण प्रणाली में धोखाधड़ी को रोकना, डुप्लिकेट कार्ड्स को हटाना और सब्सिडी को सही लाभार्थियों तक पहुंचाना सुनिश्चित करना है।

क्या हैं नए नियम, समझिए
केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने बुधवार को एक आधिकारिक अधिसूचना जारी की। इसमें कहा गया है कि “लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) संशोधन आदेश, 2025” के तहत PDS में पारदर्शिता बढ़ाने, डुप्लिकेशन को रोकने और सब्सिडी के टारगेट को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इसके तहत, राज्य सरकारों को सभी पात्र परिवारों के लिए हर पांच साल में ई-केवाईसी प्रक्रिया को अनिवार्य रूप से पूरा करना होगा। इस प्रक्रिया में अयोग्य परिवारों को लाभार्थी सूची से हटाया जाएगा और नवीन पात्र परिवारों को शामिल किया जाएगा।

नए नियमों के अनुसार, अलग राशन कार्ड के लिए न्यूनतम आयु अब 18 वर्ष निर्धारित की गई है। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि केवल पात्र व्यक्ति ही राशन कार्ड के माध्यम से सब्सिडी प्राप्त करें। कोई भी व्यक्ति 18 वर्ष की आयु पूरी होने से पहले अलग राशन कार्ड रखने का पात्र नहीं होगा। पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों के आधार नंबर (अगर उपलब्ध हैं) एकत्र किए जाने चाहिए और उनके पांच साल का होने के एक वर्ष के भीतर ई-केवाईसी करवाना आवश्यक है।

अधिसूचना में कहा गया है, “जिन लाभार्थियों ने पिछले छह महीनों में अपने अधिकारों का लाभ नहीं उठाया है, उनके राशन कार्ड अस्थायी रूप से निष्क्रिय कर दिए जाएंगे। राज्य सरकार को पात्रता का पुनर्मूल्यांकन करने और आगे की कार्रवाई करने के लिए तीन महीने के भीतर क्षेत्रीय सत्यापन और ई-केवाईसी पूरा करना होगा।”


इसके अलावा, जिन मामलों में एक ही राज्य या विभिन्न राज्यों में डुप्लिकेट पाए गए राशन कार्ड अस्थायी रूप से निष्क्रिय कर दिए जाते हैं, वहां लाभार्थियों को वैध दस्तावेज जमा करके और ई-केवाईसी पूरा करके पात्रता साबित करने के लिए तीन महीने का समय दिया जाएगा। केंद्र ने कहा, “नए राशन कार्ड जारी करने के लिए पहले आओ, पहले पाओ (FIFO) पद्धति अपनाई जाएगी। राज्यों को अपने सार्वजनिक वेब पोर्टल पर एक वास्तविक समय की पारदर्शी प्रतीक्षा सूची प्रकाशित करनी होगी, जिससे आवेदक अपने आवेदन की स्थिति पर नजर रख सकें।”

ई-केवाईसी प्रक्रिया क्या है?
ई-केवाईसी एक डिजिटल सत्यापन प्रक्रिया है, जिसमें राशन कार्ड धारकों को अपनी पहचान को आधार कार्ड के माध्यम से सत्यापित करना होता है। यह प्रक्रिया आधार-आधारित बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण (फिंगरप्रिंट या आंखों की स्कैन) या वन-टाइम पासवर्ड (OTP) के जरिए पूरी की जा सकती है। आधार प्रमाणीकरण के बाद, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा लाभार्थी का नाम, जन्म तिथि, पता, लिंग और फोटो जैसी बुनियादी जानकारी राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभागों को प्रदान की जाएगी। इस डेटा को PDS डेटाबेस के साथ मिलाया जाएगा ताकि लाभार्थी की पहचान की पुष्टि हो सके।

प्रक्रिया कैसे पूरी करें?
राशन कार्ड धारक अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया को ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से पूरा कर सकते हैं।

ऑनलाइन प्रक्रिया:
अपने राज्य के सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
‘राशन कार्ड सर्विसेज’ या ‘ई-केवाईसी’ सेक्शन में जाएं।
राशन कार्ड नंबर और आधार नंबर दर्ज करें।
आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर प्राप्त OTP दर्ज करें।
बायोमेट्रिक सत्यापन (यदि आवश्यक हो) पूरा करें।
सत्यापन के बाद, ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

ऑफलाइन प्रक्रिया:
नजदीकी उचित मूल्य दुकान (FPS) या सामान्य सेवा केंद्र (CSC) पर जाएं।
राशन कार्ड और आधार कार्ड साथ लाएं।
ई-पॉइंट ऑफ सेल (e-POS) डिवाइस के माध्यम से बायोमेट्रिक सत्यापन (फिंगरप्रिंट या आंखों की स्कैन) करें।
सत्यापन के बाद, आपको एक पावती पर्ची दी जाएगी।

क्यों है यह महत्वपूर्ण?
ई-केवाईसी प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। यह प्रक्रिया नकली और अयोग्य लाभार्थियों को हटाने में मदद करती है, जिससे सब्सिडी केवल जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे। सरकार का दावा है कि डिजिटल सत्यापन और आधार लिंकिंग ने पहले ही अन्य कल्याणकारी योजनाओं में धोखाधड़ी को रोककर लगभग 40 बिलियन डॉलर की बचत की है। इसके अलावा, यह प्रक्रिया वन नेशन वन राशन कार्ड (ONORC) योजना के साथ भी जुड़ी है, जो प्रवासी श्रमिकों को देश भर में किसी भी उचित मूल्य दुकान से राशन प्राप्त करने की सुविधा देती है।

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