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भारत-रूस-चीन के साथ आने की भनक लगते ही तिलमिलाया अमेरिका, 500 प्रतिशत टैरिफ की दी धमकी

May 31, 2025

वाशिंगटन: अमेरिका (America) के पास आज के समय सबसे बड़ा हथियार टैरिफ (Weapons tariffs) है, जिसके जरिए वह दूसरे देशों को धमकी देता है. अमेरिका ने अब भारत (India) को कड़ी चेतावनी दी है. अमेरिका ने कहा कि अगर भारत रूस से तेल, गैस या पेट्रोकेमिकल्स खरीदता रहा, तो उस पर 500% टैरिफ (500 percent tariff) लगाना चाहिए. ये बात अमेरिकी सीनेटर रिचर्ड ब्लूमेंथल ने यूक्रेन की राजधानी कीव में कही. उन्होंने भारत और चीन को निशाने पर लेते हुए कहा, ‘रूस से जो भी देश तेल, गैस और पेट्रोकेमिकल खरीदें उन पर 500 परसेंट टैरिफ लगानी चाहिए. 500 परसेंट टैरिफ भारत और चीन पर लगना चाहिए. दोनों देश रूस का 70% तेल खरीदते हैं.’ अमेरिका का ये बयान तब आया है, जब रूस ने भारत-चीन-रूस (RIC) त्रिकोण को फिर से शुरू करने की जोर-शोर से वकालत की है.

क्या है मसला?
अमेरिका के सांसद रूस पर दबाव बनाने के लिए नया बिल ला रहा है, जिसमें रूस से तेल-गैस-यूरेनियम खरीदने वाले देशों पर 500% टैरिफ की बात है. सीनेटर ब्लूमेंथल और लिंडसे ग्राहम का कहना है कि अगर रूस यूक्रेन के साथ शांति वार्ता नहीं करता, तो ये सजा लागू होगी. अगले हफ्ते अमेरिकी सीनेट में इस पर चर्चा हो सकती है.


दूसरी तरफ, रूस ने 2020 की गलवान झड़प के बाद ठप पड़े भारत-चीन-रूस त्रिकोण (RIC) को फिर से शुरू करने की बात कही है. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा, ‘भारत-चीन के बीच सीमा तनाव कम हुआ है, अब RIC की बैठकें शुरू करने का सही वक्त है.’ रूस का मानना है कि ये त्रिकोण एशिया में उसकी ताकत बढ़ाएगा और भारत को पश्चिमी देशों के खेमे से थोड़ा दूर रखेगा. रूस का मानना है कि भारत को क्वाड से दूरी बनानी चाहिए, क्योंकि वह चीन को घेरने के लिए है.

संभल कर चल रहा भारत
भारत इस मामले में बैलेंस बनाकर चल रहा है. एक तरफ अमेरिका का टैरिफ का डर, दूसरी तरफ रूस की पुरानी दोस्ती. भारत न तो पूरी तरह पश्चिम के साथ जा सकता है, न ही चीन के साथ तनाव भूलकर RIC में बिना सोचे शामिल हो सकता है. भारत की नीति हमेशा से अपनी स्वतंत्रता बनाए रखने की रही है. वहीं, अमेरिका कई बार दबाव बनाने की कोशिश करता रहा है, लेकिन भारत ने उसकी एक न सुनी और रूस से ते खरीदता रहा है.

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