
नई दिल्ली। राष्ट्रपति (President) डोनाल्ड ट्रंप (donald trump) ने कहा, “पाकिस्तान (Pakistan) के अधिकारी अगले सप्ताह अमेरिका (America) आ रहे हैं. हम भारत (India) के साथ व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के करीब हैं. लेकिन अगर भारत और पाकिस्तान युद्ध में उलझते हैं, तो अमेरिका दोनों के साथ किसी भी तरह का व्यापारिक समझौता नहीं करेगा.” यह बयान उस समय आया है जब हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पाहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारत द्वारा की गई सैन्य कार्रवाई की चर्चा जोरों पर है.
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पाहलगाम में हुए आत्मघाती हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी. इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की. इस सैन्य कार्रवाई के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कई बार मिसाइल, ड्रोन और फाइटर जेट्स के जरिए झड़पें हुईं, जो हाल के वर्षों में सबसे गंभीर मानी जा रही हैं.
इस घटनाक्रम के बीच पाकिस्तान भी अमेरिका के साथ व्यापार समझौते की कोशिश में जुटा है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान अमेरिका द्वारा प्रस्तावित 29% आयात शुल्क से बचने की राह तलाश रहा है. अमेरिका हाल ही में कई देशों पर नए टैरिफ लगाने की योजना बना रहा है, जिसमें पाकिस्तान के साथ उसका 3 अरब डॉलर का व्यापारिक अधिशेष भी चर्चा में है.
वहीं भारत के संदर्भ में ट्रंप ने कहा कि दोनों देशों के बीच सीमित व्यापार समझौते की दिशा में तेजी से काम हो रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी व्यापार समझौते की बुनियाद शांति और स्थिरता होनी चाहिए. उन्होंने इशारा किया कि अगर सीमा पर तनाव बढ़ा तो इससे व्यापारिक रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं.
इस बीच अमेरिका के उप विदेश सचिव क्रिस्टोफर लैंडाउ ने भारत-अमेरिका संबंधों को ऐतिहासिक स्तर पर बताते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच 21वीं सदी की साझेदारी गहराती जा रही है. उन्होंने वॉशिंगटन में भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री से मुलाकात के बाद बताया कि दोनों पक्षों ने निष्पक्ष व्यापार, अवैध प्रवासन और नशा तस्करी पर सहयोग जैसे अहम विषयों पर चर्चा की है.
एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, भारत अमेरिका की कंपनियों को 50 अरब डॉलर से अधिक के सरकारी ठेकों में भाग लेने की अनुमति देने की योजना बना रहा है. यह कदम द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को और गहरा कर सकता है. भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में अमेरिका का दौरा किया और व्यापार वार्ताओं को गति देने पर जोर दिया. यह संभावित समझौता न केवल व्यापार शुल्कों में राहत देगा, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत और अमेरिका की साझेदारी को भी मजबूती प्रदान करेगा.
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